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‘सर्जिकल स्ट्राइक’ के बाद ट्रकों में भरकर ले गए थे आतंकियों के शव

surgical-strike-in-pok_1475174699पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया है। जिस सर्जिकल स्ट्राइक को पाकिस्तान झूठ बता रहा है दरअसल वो सच साबित हुआ है। इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने बड़ा खुलासा किया है। अखबार में छपी रिपोर्ट में एलओसी पार रहने वाले प्रत्यक्षदर्शियों ने पिछले सप्ताह आतंकवादी कैंपों पर हुई भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का आंखों देखा हाल बताया है।
  
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि किस तरह सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए आतंकवादियों के शव को 29 सितंबर की अल-सुबह, ट्रकों में भर कर ले जाया गया। चश्मदीदों के मुताबिक सेना की ताबड़तोड़ फायरिंग में आतंकवादी कैंप तबाह हो गए।

सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर देश की राजनीति चरम पर है। जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग रहे हैं तो कांग्रेस ने इसे झूंठा करार दिया है। हालांकि सेना अपना काम कर चुकी है इस बात का पुख्ता सबूत मिल चुका है। 

खबर में प्रत्यक्षदर्शियों ने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान निशाना बनाई गईं कुछ ऐसी जगहों के बारे में भी बताया है जिन्हें भारत और पाकिस्तान सरकार की ओर से सार्वजनिक नहीं किया गया था। हालांकि अखबार की तरफ से यह भी कहा गया है कि सर्जिकल स्ट्राइक में मारे गए आतंकवादियों की संख्या 38-50 से कम हो सकती है, जैसा कि भारतीय अधिकारियों की ओर से दावा किया गया है।

अखबार ने बताया है कि उसने LoC पार रह रहे पांच प्रत्यक्षदर्शियों से भारत में रह रहे उनके परिजनों के जरिए संपर्क किया। प्रत्‍यक्षदर्शियों ने यह भी दावा किया है कि स्‍ट्राइक के दौरान जबरदस्त फायरिंग हुई जिसमें सीमापार करने से पहले जिहादी जिस इमारत में रूके थे वो नष्‍ट हो गई।

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