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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद वीएफजे में तैयारी, रोज बनेंगे 43 सैन्य वाहन

vfj_truck_news_20161020_85235_20_10_2016हेमन्त नामदेव, जबलपुर। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत-पाक सीमा पर बढ़ रहे तनाव को देखते हुए सुरक्षा निर्माणियों में युद्घ स्तर पर काम की तैयारी चल रही है। सुरक्षा संस्थान वीएफजे में डेली टारगेट के हिसाब से सैन्य वाहन तैयार किए जाएंगे। निर्माणी प्रशासन व कर्मचारियों ने रोज 43 सैन्य वाहन बनाने का लक्ष्य रखा है। जबकि यही वाहन आम दिनों में रोज 20 से 22 ही बना करते थे। वहीं कलपुर्जे समय पर नहीं मिलने की स्थिति में निर्माण आगे बढ़ा दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। निर्माणी में 31 मार्च तक 7,766 वाहन तैयार किए जाने हैं।

रक्षा मंत्रालय की ओर से आर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड कोलकाता ने इस निर्माणी को 2,953 एलपीटीए (लाप्टा) बनाने का नया लक्ष्य (इंडेंट) दे दिया है। श्रमिक नेताओं के मुताबिक सैन्य वाहन बनाने में वीएफजे को विशेषज्ञता हासिल है। सेना की जरूरतों के अनुसार इस निर्माणी में वाहनों का निर्माण लगातार किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने इस निर्माणी को वर्ष 2016-17 में 4,569 स्टेलियन वाहनों के निर्माण का लक्ष्य दिया था।

इसके बाद 244 सुरंगरोधी वाहन (एमपीवी) और लाप्टा बनाने के लिए नया लक्ष्य दिया है। हाल ही में भारत-पाक सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद रक्षा मंत्रालय ने ओएफबी के माध्यम से निर्माणी को नया लक्ष्य दिया है, जिसे पूरा करने 3 हजार कर्मचारी युद्घ स्तर पर दिन-रात काम कर रहे हैं और 2013-17 का लक्ष्य 31 मार्च तक पूरा करना है।

31 मार्च तक इतने सैन्य वाहन बनेंगे

वाहन संख्या

– एलपीटीए 2,953

– एमपीवी 244

– स्टेलियन 4,569

कुल 7,766

कंपोनेंट्स की नहीं होगी कमी

निर्माणी प्रशासन ने नया इंडेंट मिलते ही निजी व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, संस्थानों को कलपुर्जों (कंपोनेंट्स) की आपूर्ति करने निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्माणी प्रशासन ने कहा है कि काम के चलते कंपोनेंटस की कमी नहीं होने दी जाएगी।

ओएफबी से नया इंडेंट मिलने के बाद निर्माणी प्रशासन ने कंपोनेंट्स की आपूर्ति करने निर्देश जारी कर दिए हैं। वर्तमान के हालात देखते हुए देश की चौथी सेना भी दिन-रात सैन्य वाहन बनाने को तैयार है। – कामता प्रसाद द्विवेदी, महामंत्री इंटक, वीएफजे

वीएफजे के कर्मचारियों को सैन्य वाहन बनाने का काम अच्छी तरह से आता है। मौजूदा स्थिति में सभी कर्मचारी देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत हैं, जो कि सेना के लिए लगातार काम करने तैयार हैं। – संतोष सोनी, अध्यक्ष, मजदूर यूनियन, वीएफजे

ओएफबी से एलपीटीए का नया इंडेंट मिलते ही कच्चे माल की आपूर्ति करने निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा एमपीवी, स्टेलियन के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित है। निर्माणी के कर्मचारी एकजुट होकर सैन्य वाहन निर्माण का लक्ष्य पाने दिन-रात काम करने तैयार हैं। – एसके मिश्रा, एजीएम, वीएफजे

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