स्वास्थ्य

सर्दी-जुकाम हो या मोटापा छुटकारा दिलाती है दालचीनी, जानिए इसके 10 अनोखे फायदे

Cinnamon sticks and meal close up on wooden table

शहद तथा दालचीनी का मिलाकर सेवन करना दिल की बीमारियों, कोलेस्ट्रॉल, त्वचा रोग, सर्दी जुकाम, पेट की बीमारियों के लिए फायदेमंद है। 1-3 ग्राम दालचीनी का चूर्ण खाने से पहले लेने से डायबिटीज के मरीजों को लाभ होता है। यह शुगर फ्री होने के साथ शरीर में रक्त संचार को सुचारू करती है। दालचीनी के सेवन से दर्द कम होता है और अकडऩ दूर होती है। यह किडनी को डिटॉक्स करती है और सांस संबंधी दिक्कतें दूर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है।

यह शरीर में वसा को कम करती है इसलिए इसका प्रयोग मोटापे को कम करने के लिए भी किया जाता है। इसके लिए 1-3 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार लें। चाय में एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ते से लगभग आधा घंटा पहले पीएं। ऐसा ही रात को सोने से पहले करें। नियमित ऐसा करने से चर्बी कम होती है। वजन कम होने लगता है।

सर्दी-जुकाम होने पर दालचीनी का सेवन करें। एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर सुबह-शाम लेने से खांसी-जुकाम में आराम मिलता है। इसके पाउडर को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से ठंडी हवा से होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है।

जोड़ो के दर्द का भी दूर भगाती है दालचीनी। हल्के गर्म पानी में दालचीनी पाउडर और थोड़ा सा शहद मिलाकर मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है। त्‍वचा की समस्‍या होने पर भी दालचीनी बहुत फायदेमंद है। खाज और खुजली होने पर दालचीनी पाउडर तथा शहद बराबर मात्रा में लेकर पेस्‍ट बनाकर लगाएं। दालचीनी पाउडर में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं। कील-मुहांसों से छुटकारा मिल जाएगा।

एक चम्मच शहद के साथ थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर लेने से पेट दर्द और एसिडिटी में आराम मिलता है तथा भोजन भी आसानी से पच जाता 

इसके अलावा शहद और दालचीनी के पाउडर का पेस्ट बनाकर रोटी के साथ खाने से धमनियों में कोलेस्‍ट्रॉल जमा नहीं होता। हार्ट की संभावना कम हो जाती है। बढ़े हुए कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने के लिए दालचीनी का सेवन करें।

एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर दांतों पर नियमित दो-तीन बार मलने से दांत दर्द में आराम मिलता है। यह अस्थमा तथा लकवा में भी बहुत फायदेमंद है। यह तनाव भी भगाती है।

बहरापन की समस्या हो, तो शहद और दालचीनी पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर एक-एक चम्‍मच सुबह और रात को लें। कान में दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें डालने से भी आराम मिलता है।

ऐसे पहचानें असली दालचीनी: यह हल्की भूरी रंग की छाल जैसी होती है। पतली परत की व हल्का सा मोडऩे पर आसानी से टूट जाती है। मुंह में डालने पर यह थोड़ी देर में मीठी लगने लगती है। असली छाल में 50-65 प्रतिशत तक तेल की मात्रा होती है इसलिए हाथ पर रगडऩे से यह हल्की सी चिकनाहट छोड़ देती है।

 

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