लखनऊ । राजधानी लखनऊ में पिछले दो-तीन साल में सर्वाइकल कैंसर के नाम पर महिलाओं के यूटेरस निकालने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हैरानी की बात यह है कि बहुत सारे केस ऐसे होते है, जिनमें यूटेरस का ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं होती। दवाओं से इसे ठीक किया जा सकता है। मगर चंद पैसों के लिए कुछ ऐसे डाक्टर है जो संबंधित महिलाओं को जान-बूझकर बांझ बना रहे हैं। राजधानी में महिलाओं को जान-बूझकर पैसे की लालच में बांझ बनाने का धंधा जोर-शोर से चल रहा है। गाइनिकोलॉजिस्ट डॉ. मंजूषा का कहना है कि यूटेरस और सर्वाइकल कैंसर के ऐसे तमाम केस होते हैं, जिनमें यूटेरस निकालने की जरूरत ही नहीं होती है। सही इलाज कराकर इसे ठीक किया जा सकता है। इसके बावजूद पैसों के लालच में कुछ डॉक्टर संबंधित महिला का यूटेरस निकाल देते हैं। ऐसे मामले ज्यादातर लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहे हैं। डॉक्टर मंजूषा का कहना है कि ये सारा खेल पैसे के चक्कर में होता है। जब महिलाओं को यूटेरस में कोई समस्या होती है, तो उन्हे यूटेरस और सर्वाइकल कैंसर का डर दिखाया जाता है। उन्हें बताया जाता है कि इस कैंसर से उनकी मौत भी हो सकती है। ऑपरेशन के जरिए यूटेरस को निकाल देने से उनकी जान बच सकती है। ऐसे में चालीस हजार रुपए के लिए महिला को बांझ बना दिया जाता है। यह कैंसर यूटेरस में होता है।