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सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद तीन तलाक के 345 मामले सामने आए

नई दिल्ली : दिल्ली में तीन तलाक बिल पर बहस हो रही है। केंद्रीय मंत्री रविशंकार प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की तल्ख टिप्पणी और कानून लाने के बाद मुझे लगा था कि ये रुक जाएगा। जुलाई तक तीन तलाक के 574 मामले सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 345 तीन तलाक के मामले सामने आए हैं। अगर दुनिया के 20 से अधिक मुल्कों ने तीन तलाक को नियंत्रित किया। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे गलत बताया है। मामूली बातों पर तलाक दिया जाता है।

वहीं सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि मैं तीन तलाक बिल के विरोध में हूं। सरकार को किसी धर्म के अंदरुनी मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। फैसला लड़की और उसके मां-बाप पर छोड़ दिया जाना चाहिए। आपराधिक क्लाज के तहत तीन साल की सजा का प्रावधान है, अगर पति जेल गया तो पत्नी को मुआवजा कौन देगा। एक मुस्लिम तीन साल के लिए जेल जाएगा और दूसरा एक साल के लिए, क्या ये न्याय है?

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