नई दिल्ली (एजेंसी)। आपराधिक न्याय प्रणाली में होने वाली देरी पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की है। दहेज हत्या के एक मामले के निपटारे में हुई देरी पर अदालत ने नाखुशी जाहिर की। मामले के आरोपी को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपने अपील के निपटारे के लिए 13 वर्ष और 11 नवंबर को फैसला सुनाए जाने तक शीर्ष अदालत में उसे 9 वर्ष तक इंतजार करना पड़ा। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने फैसला सुनाते हुए कहा ‘‘इस मामले का दुखद पहलू आपराधिक न्याय प्रणाली की धीमी गति है।’’जानकी देवी की मौत 6 सितंबर 1989 को हो गई थी। इसे लेकर दायर दहेज हत्या के मामले में निचली अदालत का फैसला 3 दिसंबर 1991 को आया। उच्च न्यायालय ने पहली अपील का निपटारा 5 जुलाई 2००4 को किया जिसे शीर्ष अदालत ने 12 साल का अंतराल माना है। विशेष अनुमति के लिए सर्वोच्च न्यायालय में 2००4 में अपील दायर की गई और चार वर्ष बाद 2००8 में अनुमति प्रदान की गई और इसके निपटारे में कुल नौ वर्ष शीर्ष अदालत में लगे।
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December 27, 2021