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सवर्ण आरक्षण: जानें राज्यसभा का गणित, ऐसे बिल को पास कराएगी मोदी सरकार

नई दिल्ली: नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा से पास हो चुका है। अब इस बिल की राज्यसभा में परीक्षा है। सवर्ण आरक्षण पर संविधान संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा में 5 घंटे चली बहस के बाद ये बिल पास हो गया था। राज्यसभा में सांसदों की मौजूद संख्या 244 है और बिल पारित कराने के लिए दो तिहाई सांसदों यानी 163 वोटों की जरूरत होगी।नौकरी और शिक्षा में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया। वोटिंग में कुल 326 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिसमें से विधेयक के समर्थन में कुल 323 जबकि विरोध में 3 मत पड़े। केंद्रीय सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत के पेश किये गये 124वां संविधान संशोधन विधेयक पर करीब 5 घंटे चली चर्चा के बाद भारी मतों से उसे पास कर दिया गया।

विधेयक के लोकसभा से पास होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके इसे ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा, ”संविधान (124वां संशोधन) विधेयक, 2019 लोकसभा में पास होना हमारे देश के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण है। यह समाज के सभी तबकों को न्याय दिलाने के लिए एक प्रभावी उपाय को प्राप्त करने में मदद करेगा।” वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने ट्विट में लिखा, ”हर वर्ग की आकांक्षाओं को करती साकार।

मोदी सरकार देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने वाला ऐतिहासिक संविधान संशोधन बिल लोक सभा में पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी सहयोगियों का ह्रदय से अभिनंदन।” विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने बिल का विरोध नहीं किया, लेकिन ये मांग कि बिल पहले संयुक्त संसदीय समिति यानि जेपीसी के पास भेजा जाए। ज्यादातर दलों ने विधेयक का समर्थन किया।

हालांकि आरजेडी और एआईएमआईएम जैसे दलों ने विरोध भी किया। लोकसभा की परीक्षा में तो मोदी सरकार पास हो गई। अब बारी है राज्यसभा की, जहां आज ये बिल पेश किया जाएगा। इसके लिए खास तौर से सदन के सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है। सरकार को पूरी उम्मीद है कि बिल राज्यसभा से भी पास हो जाएगा। दरअसल, राज्यसभा में सांसदों की मौजूदा संख्या 244 है। बिल पास कराने के लिए दो तिहाई सांसदों यानि 163 के वोट जरूरी होंगे। सदन में बीजेपी के 73 सांसदों समेत एनडीए के कुल 88 सांसद हैं। कांग्रेस के 50, समाजवादी पार्टी के 13, बीएसपी-एनसीपी के 4-4 और आम आदमी पार्टी के 3 सांसद हैं। इन सभी पार्टियों के 74 सांसदों के आंकड़े को जोड़कर बिल का समर्थन करने वाले कुल सांसदों का आंकड़ा 162 होता है। इसके अलावा राज्यसभा में टीएमसी और एआईएडीएमके के 13-13 सांसद, बीजेडी के 9, टीडीपी के 6 और टीआरएस के भी 6 सांसद हैं। ऐसे में किसी भी एक के समर्थन करने भर से सरकार की राह आसान हो जाएगी। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि राज्यसभा से भी आज विधेयक को हरी झंडी मिल जाएगी।

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