दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ अहमदाबाद। जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया रखकर खुद अपने पैरों पर खड़े होने की इच्छा ने अहमदाबाद की पायल मिस्त्री को एक अलग श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। दरअसल, चार साल पहले उसे ससुराल वालों ने 11वीं कक्षा के बाद आगे पढ़ाई नहीं करने दी और प्रताड़ित कर पिता के घर भेज दिया था।
केस भी वापस ले लिया…
इसके बावजूद पायल ने हार नहीं मानी। उच्च शिक्षा हासिल करते हुए उसने पति ससुरालवालों के खिलाफ घरेलू हिंसा, भरण पोषण, दहेज प्रताड़ना का केस भी वापस ले लिया। ग्रेजुएशन में टॉप किया।
पायल की शादी 10 फरवरी 2011 को जितेन्द्र के साथ हुई थी। ससुराल से प्रताड़ित कर भेज दिए जाने के बाद पिता को मदद करने के लिए उसने इमिटेशन ज्वेलरी बनाने का काम किया। परिवार की हर तरह से आर्थिक मदद भी की।
भविष्य को और बेहतर बनाने के लिए उसने 12वीं पास कर समाज शास्त्र में ग्रेजुएशन किया और अब एमए पार्ट-2 की पढ़ाई कर रही हैं। पायल ने अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ दर्ज कराए सारे मामले भी वापस ले लिए हैं क्योंकि अब उसकी सोच हो गई है कि अगर किसी ने आपके साथ कुछ बुरा किया है तो हम उसे हमेशा दिमाग में क्यों ढोते रहें। भूलकर आगे बढ़ जाना चाहिए। उसका मानना है कि समाज में उच्च शिक्षा हासिल कर वह खुद अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाएगी। अब वह प्रोफेसर बनना चाहती है।
भविष्य को और बेहतर बनाने के लिए उसने 12वीं पास कर समाज शास्त्र में ग्रेजुएशन किया और अब एमए पार्ट-2 की पढ़ाई कर रही हैं। पायल ने अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ दर्ज कराए सारे मामले भी वापस ले लिए हैं क्योंकि अब उसकी सोच हो गई है कि अगर किसी ने आपके साथ कुछ बुरा किया है तो हम उसे हमेशा दिमाग में क्यों ढोते रहें। भूलकर आगे बढ़ जाना चाहिए। उसका मानना है कि समाज में उच्च शिक्षा हासिल कर वह खुद अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाएगी। अब वह प्रोफेसर बनना चाहती है।