NEW DELHI: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ौतरी करने से वैश्विक स्तर पर पीली धातु की चमक फीकी पडऩे का दवाब घरेलू बाजार भी देखा जाएगा जिससे तीन-चार महीनों में सोना 16 हजार रुपए से नीचे उतार सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि नोटबंदी के कारण घरेलू मांग पहले से ही कमजोर है और अब फेडरल रिजर्व की घोषणा से सोना पर अधिक दवाब बनेगा।
आम्रपाली आद्यया ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट के निदेशक एवं शोध प्रमुख अवनीश कुमार सुधांशु ने कहा कि फेड रिजर्व की घोषणा से पश्चिमी देशों विशेषकर अमेरिका में लोग गोल्ड ईटीएफ से निकासी कर डॉलर में निवेश करने लगे हैं जिससे पीली धातु पर दवाब बना है। उन्होंने कहा कि वैवाहिक सीजन होने के बावजूद नोटबंदी के कारण घरेलू बाजार में मांग कमजोर है।
उठाव नहीं होने से इस पर पहले से ही दवाब है और अब फेड रिजर्व की घोषणा का भी असर होगा और अगले कुछ सप्ताहों तक इसकी कीमतों में नरमी का रूख बना रह सकता है। अगले तीन महीनों में सोना 16,500 रुपए तक आ सकता है ।