हैदराबाद के आईटी इंजीनियर ने शुरु की मुहिम
नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में इंटरनेट को लेकर यूथ में किस कदर क्रेज हैं कि देश में जिओ के द्वारा लगातार फ्री में इंटरनेट देने के बाद भी अब जिओ के ऑफर खत्म होते ही देश में सस्ती इंटरनेट सेवा मिल सके,इसके लिए अब आनलाइन मुहिम शुरु की गई है। सस्ती इंटरनेट सेवा के लिए इस ऑनलाइन याचिका की शुरुआत हैदराबाद के आईटी इंजीनियर अमित भवानी ने की है। चेंज.ओआरजी पर इस ऑनलाइन याचिका के पक्ष में अभी तक 80,445 लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं और इससे जुड़ने का सिलसिला अभी भी जारी है,भवानी ने अपनी याचिका में कहा है, ’डिजिटल इंडिया के लिए आज काला दिन है।भारतीय उपभोक्ता आपके सहयोग से एक बार नेट न्यूट्रिलिटी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और वह जीत गए लेकिन सस्ती दरों पर इंटरनेट सेवा उपलब्ध होने की जंग में हम हारने की कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि ट्राई के आदेश ने आम उपभोक्ताओं को निराश किया है,याचिकाकर्ता ने कहा कि मेरी रियालंय जियो से कोई सहानुभूति नहीं है और न ही वह रिलायंस जियो की पैरवी कर रहे हैं, बल्कि वह सस्ती इंटरनेट सेवा उपलब्ध होने में बाधा बनने वाले ट्राई के आदेश के खिलाफ हैं,अमित ने खुद को एक औसत भारतीय बताया है। अमित के मुताबिक वह डिजिटल इंडिया के सपने को साकार होते देखना चाहते हैं,उन्होंने कहा है कि फेसबुक और यूटयूब ने अपने प्लेटफॉर्मों पर भारतीय डाटा के इस्तेमाल की आपार वृद्धि को पहचाना है, ट्राई पर सवाल उठाते हुए अमित ने कहा कि माना जाता है कि दूरसंचार नियामक लोगों के हित में काम करता है लेकिन रिलायंस जियो की इस योजना का बचाव करने की जगह उसने इसे बंद करने का फैसला किया।
गौरतलब है कि रिलायंस जियो ने 31 मार्च को प्राइम मेंबरशिप की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दी थी. इसके साथ समर सरप्राइज ऑफर का ऐलान किया था, जिसके तहत प्राइम मेंबरशिप के लिए 99 रुपए और इसके साथ 303 रुपए के रिचार्ज पर कंपनी अपने यूजर्स को तीन महीने यानी अप्रैल से जून तक फ्री सेवा देने वाली थी। लेकिन ट्राई ने इस ऑफर पर आपत्ति जताते हुए इसे कंपनी से वापस लेने को कहा, ट्राई के इस आदेश से प्रतिद्वंद्वी कंपनियां भले ही खुश हो गई हो, लेकिन जियो उपभोक्ता दुखी हो गए हैं. ट्राई का यह आदेश तब आया जबकि जियो ने घोषणा की थी कि उसके ‘पेड’ यानी भुगतान करने वाले ग्राहकों की संख्या 7.2 करोड़ हो गई है, रिलायंस जियो ने कहा कि वह ट्राई के फैसले को स्वीकार करती है और नियामक की सलाह के पूर्ण अनुपालन की प्रक्रिया में है।