अंतरराज्यीय सहकारिता प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सहकारिता जनसहभागिता का आंदोलन है। सहकारिता से असंभव को संभव बनाया जा सकता है। उन्होंने सहकारिता विभाग को रेशा बोर्ड के माध्यम से कंडाली, भीमल व रामबांस के रेशों को खरीदने के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा। इसकी खरीद में 25 फीसदी सब्सिडी देने पर राज्य सरकार विचार करेगी।
शुक्रवार को सहकारिता प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद सीएम ने सहकारिता के संग बढ़े जनसेवा वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन किसानों से लेकर सब्जियां, फल और अनाज को मंडी तक पहुंचाएगा। इसका संचालन पौड़ी का गौरी महिला समूह करेगा। साथ ही नौगांव में विपिन पैन्यूली के फेडरेशन में उत्पादित होने वाले सेब के रस की भी लांचिंग की। इससे तीन हजार के आसपास महिला किसान जुड़ी हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहकारिता मंत्री यशपाल आर्य ने किया। इस मौके पर सहकारिता से संबंधित पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने नौ स्वयंसेवी संगठनों के सहकारी संगठन सृष्टि के पेवेलियन की जमकर तारीफ की। इसमें तीन सौ एसएचजी के उत्पाद प्रदर्शित हैं। सहकारिता सचिव विजय ढौंडियाल ने कहा कि छह दिवसीय समारोह में सात प्रदेश शिरकत कर रहे हैं। उत्तराखंड में सहकारिता क्षेत्र में कार्य करने वाले इन प्रदेशों से बहुत कुछ सीख पाएंगे। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश में सहकारिता की स्थिति और आगे के लक्ष्यों के बारे में सविस्तार जानकारी दी।