उत्तर प्रदेशफीचर्डराज्यराष्ट्रीयलखनऊ

सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रत राय गिरफ्तार

subनई दिल्ली। सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रत राय ने आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें अपराह्न तीन बजे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा। फिलहाल उन्हें सहारा शहर में ही रखा गया है। दो दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। निवेशकों के 20 हजार करोड़ एपए नहीं लौटाने के मामले में उच्चतम न्यायालय के गैरजमानती वारंट जारी करने के बाद राय के खिलाफ वारंट की तामील कराने के लिये कल गोमतीनगर पुलिस का एक दल सहारा शहर गया था, लेकिन सहारा प्रमुख वहां नहीं मिले थे। सुब्रत राय ने कल विभिन्न अखबारों में दिये गये विज्ञापन में अपना पक्ष रखने की कोशिश करते हुए कहा था कि वह निवेशकों को 20 हजार करोड़ रुपए लौटाने के मामले में अदालत में 26 फरवरी को पेश होने के लिये निकल चुके थे, लेकिन 24 फरवरी की शाम को उनकी 92 वर्षीय मां की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली से वापस लखनऊ लौटना पड़ा था। इधर राय की ओर से उच्चतम न्यायालय में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की अगुवाई वाली पीठ को बताया कि 65 वर्षीय राय पुलिस की हिरासत में हैं। जेठमलानी ने न्यायालय से 26 फरवरी को उसके द्वारा जारी गैर जमानती वारंट वापस लेने का आग्रह भी किया। 

उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति राधाकष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहर की विशेष पीठ उनके आवेदन पर सुनवाई के लिए आज बैठे। मामले की सुनवाई यही पीठ कर रही है। न्यायमूर्ति विक्रमाजीत सेन के साथ बैठे न्यायमूर्ति राधाकृष्णन ने कहा कि विशेष पीठ के लिए आज बैठना संभव नहीं है। राय ने कल उच्चतम न्यायालय से संपर्क कर अवमानना मामले में पेश न होने के लिए बिना शर्त माफी मांगी और अपने खिलाफ 26 फरवरी को जारी गैर जमानती वारंट वापस लेने की मांग की थी। गैर जमानती वारंट की तामील 4 मार्च तक की जानी है। राय ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि उन्होंने सर्वोच्च अदालत में पेश न हो कर बड़ी भूल की है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास था कि न्यायालय से उन्हें व्यक्तिगत तौर पर पेश होने से एक दिन के लिए छूट मिल जाएगी। गैर जमानती वारंट वापस लिए जाने का आग्रह करते हुए राय ने आवेदन में अपना अनुरोध लंबित रहने के दौरान आदेश पर रोक लगाए जाने की मांग की। अपनी दो कंपनियों में निवेशकों द्वारा निवेश किए गए 20,000 करोड़ रूपये न लौटाने के कारण दर्ज अवमानना मामले में राय उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ही उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया था। राय ने अपनी 92 वर्षीय मां के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए निजी तौर पर पेश होने से छूट मांगी थी। राय के साथ साथ सहारा समूह के तीन निदेशकों को भी तलब किया गया था। ये तीनों न्यायालय में पेश हुए थे। न्यायालय ने अपने आदेश के बावजूद निवेशकों की रकम न लौटाए जाने के लिए सहारा समूह पर 20 फरवरी को गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सुब्रत राय, रविशंकर दुबे, अशोक राय चौधरी और वंदना भार्गव को अपने समक्ष निजी तौर पर पेश होने के लिए सम्मन जारी किया था। यह सभी लोग सहारा इंडिया रीयल इस्टेट कॉर्प लि़ (एसआईआरईसी) और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प लि़ (एसएचआईसी) के निदेशक हैं।

Related Articles

Back to top button