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सहिष्णु राष्ट्र है भारत, कुछ लोगों ने गढ़ी है ‘असहिष्णुता’ जैसी शब्दावली : अनुपम खेर

दस्तक टाइम्स/एजेंसी :94022-march-for-india

नई दिल्ली : देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ लेखकों और कलाकारों के प्रदर्शन के जवाब में बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने शनिवार को जनपथ से राष्ट्रपति भवन तक एक मार्च का नेतृत्व किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अवार्ड वापसी अभियान हालात की गलत तस्वीर पेश कर देश को बदनाम करने की कोशिश है।

चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर के पति ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत बहुत सहिष्णु राष्ट्र है। कुछ लोगों ने ‘बढ़ती असहिष्णुता’ शब्दावली इजाद की है। उनकी संख्या बहुत कम है। सभी भारतीय उस तरह से नहीं सोचते हैं। हम लोग धर्मनिरपेक्ष हैं। हम लोग छद्म धर्मनिरपेक्षता, चयनित आक्रोश या चयनित संरक्षण में यकीन नहीं करते हैं।’ 

अभिनेता ने कहा, ‘हम लोगों ने कई लेखकों, कलाकारों और फिल्म निर्माताओं के साथ बैठक की और उनका भी मानना है कि देश में किसी तरह की असहनशीलता का माहौल नहीं है। ये मार्च बहुत से लोगों की ओर से सांकेतिक तौर पर है जो ये मानते हैं कि भारत एक है और यहां किसी प्रकार की असहिष्णुता नहीं है।’ 

मधुर भंडारकर, रवीना टंडन, अशोक पंडित, प्रियदर्शन, मनोज जोशी, अभिजीत भट्टाचार्य और लेखक-पत्रकार मधु किश्वर समेत 40 से अधिक हस्तियों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपने के लिए मार्च में हिस्सा लिया।

नेशनल अवार्ड से सम्मानित भंडारकर ने आरोप लगाया कि जो लोग असहिष्णुता को लेकर विरोध कर रहे हैं उन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुने जाने से पहले उनका विरोध किया था जो उनकी मंशा पर सवाल खड़ा करता है।

 

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