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सही रेट नहीं मिला तो मंत्रियों के घरों के बाहर फूंकेंगे बासमती: किसान

ksd_1443738175अमृतसर /संगरूर। केंद्र व पंजाब सरकार के कहने पर बिजाई करने के बावजूद किसानों को बासमती का पूरा रेट नहीं मिल रहा। इसे लेकर संघर्षशील किसान जत्थेबंदियोंं ने वीरवार से डीसी आॅफिस के बाहर बेमियादी धरना शुरू कर दिया है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने चेतावनी दी, अगर डीसी दफ्तर के बाहर धरने के बाद भी सरकार पर कोई असर न हुआ तो मंत्रियों के घरों के बाहर बासमती जलाएंगे। फिर भी नहीं मानी तो रेल ट्रैक और हाईवे जाम करेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र और पंजाब सरकार की होगी। इससे पहले जत्थेबंदियों की ओर से प्रधानगी मंडल का गठन किया गया। किसानों का कहना है कि सरकार बासमती 1509 की कीमत 900 से 1000 रुपए और 1112 किस्म की 1500 रुपए दे रही है। जबकि गेहूं का सरकारी रेट प्रति क्विंटल 1300 से ज्यादा है।
किरती किसान यूनियन के पंजाब प्रधान दातार सिंह ने कहा, मोदी ने जनता के अच्छे दिन आने की बात की थी। मगर अब तो लगता है कि अच्छे दिन नहीं, बुरे दिन शुरू हो गए हैं। देश का अन्नदाता आज सड़कों और मंडियों में रुल रहा है।
 
हम क्या करें, इस रेट पर शैलर ही नहीं खरीद रहे : पनसप
पनसप के मुताबिक, 1509 किस्म की बासमती को शैलर वाले नहीं लेते क्योकि इसमें डैमेज ज्यादा है। सरकार ने 1450 रुपए प्रति क्विंटल कीमत रखी है। इस पर व्यापारी खरीदने को तैयार नहीं है। वहीं एफसीआई का कहना है कि हमें अभी तक खरीद के लिए कोई सरकारी सर्कुलर नहीं मिला है।
 
बरनाला में घुन्नस का घर घेरा
उधर बरनाला में किसानों ने नरमे का सही मुआवजा न देने पर सीपीएस संत बलबीर िसंह घुन्नस की कोठी का घेराव किया। पुलिस और प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।
 
कर्ज तले दबे एक और किसान ने सुसाइड किया
 
गांव संदौड़ में कर्ज तले दबे किसान ने आत्महत्या कर ली है। परिवार के नजदीकी डॉ. जगरूप सिंह संदौड़ ने बताया, किसान कुलदीप सिंह (40) अपनी जमीन के साथ-साथ 10-12 एकड़ ठेेके पर लेकर खेती करता था। गत दिन धान की फसल काटी थी। मगर पैदावार कम होने व कर्ज के बोझ से कुलदीप ने जहरीली चीज निगलकर आत्महत्या कर ली।
 
 
वडिंग ने डीसी ऑफिस को लगाया ताला
फसलों के उचित मुआवजे और मनरेगा मजदूरों के बकाया न देने को लेकर ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और गिद्दड़बाहा से विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने वीरवार को सैकड़ों यूथ कांग्रेस वर्करों के साथ डीसी ऑफिस के सामने कोटकपूरा-बठिंडा बाइपास पर जाम लगा दिया। जब कोई अफसर मांग पत्र नहीं लेने पहुंचा तो प्रदर्शनकारी डीसी ऑफिस में घुस गए और अंदर से ताला जड़ दिया।

 

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