सागर हत्याकांड: तिहाड़ जेल में शिफ्ट हुआ आरोपित सुशील पहलवान
नई दिल्ली। उत्तर पश्चिमी जिले के मॉडल टाउन स्थित छत्रसाल स्टेडियम में सागर पहलवान की हत्या के मुख्य आरोपित सुशील पहलवान को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल शुक्रवार को स्थानांतरित कर दिया गया है।
तिहाड़ जेल के डीजी ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि शुक्रवार सुबह सुशील पहलवान को तिहाड़ जेल वार्ड संख्या-दो में शिफ्ट किया गया। सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल में ही लॉरेंस बिश्नोई भी बंद है, जिससे सुशील ने अपनी जान को खतरा बताया था।
बीते चार मई की रात छत्रसाल स्टेडियम में सागर पहलवान और उसके दो साथियों की पिटाई की गई थी, जिसकी वजह से सागर ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। वहीं उसके अन्य दो साथियों को अस्पताल से उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी। वे इस मामले में मुख्य गवाह हैं, जिसके चलते उन्हें सुरक्षा भी दी गई है।
इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुख्य आरोपित सुशील पहलवान को उसके साथी अजय के साथ बीते 23 मई को मुंडका से गिरफ्तार किया था। दो जून से सुशील पहलवान को न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
मंडोली जेल से तिहाड़ में किया गया शिफ्ट
कोरोना संक्रमण के चलते जेल में आने वाले सभी कैदियों को कुछ दिन पहले तक मंडोली जेल में शिफ्ट किया जाता था। यहां पर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाता था और इसके बाद ही उन्हें रेगुलर जेल में भेजा जाता था।
सुशील पहलवान को भी मंडोली जेल में क्वारंटाइन अवधि के लिए भेजा गया था। तब उसी जेल में लॉरेंस बिश्नोई पहले से बंद था, जिससे सुशील ने अपनी जान को खतरा बताया था। इसके चलते लॉरेंस बिश्नोई को तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया था। सुशील की क्वारंटाइन अवधि 16 जून को खत्म हो चुकी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे मंडोली जेल में ही रखा गया था।
तिहाड़ जेल संख्या-दो में सुरक्षा से संबंधित तमाम इंतजाम करने के बाद अब सुशील को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। सुशील पहलवान ने जिस लॉरेंस बिश्नोई से अपनी जान को खतरा बताया था, वह भी फिलहाल तिहाड़ जेल में ही बंद है।
जेल सूत्रों ने बताया कि सुशील की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिलहाल उसे अलग जेल में रखा गया है। लॉरेंस बिश्नोई जेल में किस जगह पर है। इस बारे में जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से किसी से जानकारी साझा नहीं की है। जेल सूत्रों का कहना है कि सुशील की सुरक्षा को लेकर तमाम बंदोबस्त किए गए हैं और उसे आम कैदियों से अलग सेल में रखा गया है।