सानिया मिर्जा ने कहा मुझ पर ओलिंपिक पदक जीतने का अतिरिक्त दबाव नहीं है
रियो डि जिनेरियो: भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अनुभवी खिलाड़ी होने के कारण उन पर इस बात का ‘‘अतिरिक्त दबाव’’ है कि रियो ओलिंपिक के छह दिन बीतने के बाद भी भारत को कोई पदक नहीं मिला है.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई अतिरिक्त दबाव महसूस नहीं होता. चाहे ओलिंपिक हो या ग्रैंड स्लैम मुझे उतनी ही जिम्मेदारी महसूस होती है. यह बहुत कठिन है. अगर आपको प्रतियोगिता जीतनी है तो हर किसी को हराना होगा. आपको सबसे अच्छे की उम्मीद करनी होगी.’’ सानिया और बोपन्ना ने मिश्रित युगल के प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की सामंथा स्टोसुर एवं जॉन पीयर्स को हराया.
यह पूछे जाने पर कि अब तक ओलिंपिक में भारतीय दल के निराशाजनक प्रदर्शन के साथ पदक जीतने का कोई प्रभाव पड़ेगा, सानिया ने कहा, ‘‘लोगों की इसपर (ओलिंपिक) हर दिन और हर सुबह नजर होती है. खिलाड़ी के तौर पर हमें बार बार दबाव से निपटना होता है. बाहर जो हुआ, हम उन पहलुओं के बारे में नहीं सोच सकते. उम्मीद है कि ऐसा होगा और हम या कोई और पदक जीतेगा.’’ कई ग्रैंड स्लैम खिताब जीत चुकीं सानिया का यह तीसरा ओलिंपिक है और अब तक वह पदक से वंचित रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए ओलिंपिक में पदक जीतना शानदार होगा जो मैं अब तक नहीं कर पायी हूं। यह हमारे के लिए बहुत मायने रखेगा। हम जो कर सकते हैं, वह करेंगे और अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे.’’ भारतीय जोड़ी अब क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन के एंडी मर्रे और हीथर वॉटसन से भिड़ेगी।
आगे के मुश्किल ड्रॉ को लेकर सानिया ने कहा, ‘‘यह बहुत मुश्किल मैच था. मैं एक साल से कहती आ रही हूं कि मिश्रित युगल में हर मैच मुश्किल होगा. हर राउंड में हमें गै्रंड स्लैम विजेताओं से भिड़ना है. सीधे सेट में मैच जीतना शानदार होता है. सुपर टाई ब्रेकर में कुछ भी संभव है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप कितना भी अच्छा खेलें, सुधार की हमेशा गुंजाइश होती है. यह मेरे लिए बहुत मुश्किल है. मैं हर रिटर्न, हर सर्व और हर प्वाइंट बेहतरीन करना चाहती हूं. यह ऐसा ही है.’’ 73 मिनट में अपना मैच जीतने वाली भारतीय जोड़ी को पहले सेट में कुछ संघर्ष करना पड़ा था जब बोपन्ना दो ब्रेक के बीच अपनी सर्विस कायम नहीं रख पाए थे.
सानिया ने कहा, ‘‘मुझे साफ तौर पर लगता है कि हम दोनों बेहतर खेल सकते हैं. रोहन ने आज सच में अच्छा खेला, लेकिन अगला मैच जीतने के लिए हम दोनों को बेहतर खेलना होगा.’’ उन्होंने कहा कि पहले राउंड से आगे बढ़ना एक बड़ी राहत होती है क्योंकि अब चीजें सही दिशा में होगी.
हैदराबाद की खिलाड़ी ने कहा, ‘‘पहला राउंड हमेशा मुश्किल होता है क्योंकि आप उनसे खेल रहे होते हैं जो शायद नियमित रूप से साथ में नहीं खेलते. आप को पता नहीं होता कि क्या उम्मीद की जाए.’’ यह पूछे जाने पर कि भारत अब तक पदक तालिका में अपना खाता भी नहीं खोल पाया है, क्या इसका उनपर काफी दबाव है, सानिया ने कहा, ‘‘लोगों का यह कहना है कि टेनिस खिलाड़ी के तौर पर हम व्यक्तिगत खेल खेलते हैं, गलत है. हम जहां भी खेलें हम देश के लिए खेलते हैं. हमें हमेशा लगता है कि हम भारत के लिए खेलते हैं.’’