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सामने आई ‘सोमालिया’ वाली तस्वीर की हकीकत, मोदी ने दिया था बयान

modis-somaliya-speech_1463136675केरल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सोमालिया पर दिया गया बयान उनके गले की फांस बनता जा रहा है, केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है तो वह तस्वीर भी विवादों में घिर गई है जिसे देखकर मोदी ने वो बयान दिया था। केरल सरकार ने अब एक वीडियो जारी कर बताया है कि वहां काम करने वाली महिला ने तस्वीर खिंचने से पहले उन्हें केले का लालच दिया था। 

केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ‘द ट्रू स्टोरी बिहाइंड द इनसीडेंट ऑफ ट्राइबल चिल्ड्रन रिपोर्टेडली इटिंग स्टेल फूड फ्रॉम ए वेस्ट डंपिंग एरिया’ शीर्षक से जारी किए गए वीडियो में तस्वीर के पीछे की कहानी के बारे में बताया गया है। वीडियो में दिखा गया है कि जो बच्चा मातृभूमि अखबार में छपी तस्वीर में दिख रहा है उसने बताया कि कैसे एक महिला ने उसे कूड़ा उठाने के बदले में केला देने का लालच दिया। जब उसने कूड़ा उठाया तभी उसकी फोटो खींच ली गई (वीडियो में कुल तीन बच्चे दिख रहे हैं)।

लगभग तीन मिनट के वीडियो में लड़के ने उस दिन हुए सारे वृतांत को सिलसिलेवार बताया है। वीडियो में उस लड़के की मां भी है जो बताती है कि उन्हें इस घटना के बारे में तब पता चला जब कुछ भाजपा के लोग उसके घर आए और कहा वो अपने बेटे को पढ़ने के लिए हॉस्टल में क्यों नहीं भेजती है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि मामला क्या है। लेकिन जब मैं पेरावूर पहुंची तो लोग इस बारे में बात कर रहे थे तब मुझे इस घटना के बारे में पता चला। वो बताती हैं अखबार में मैने देखा मेरा एक बेटा हाथ में केला लिए हुए बैठा है और दूसरे के हाथ में कूड़े का एक थैला था।

  
वीडियो में ही वह महिला इस बात से इंकार करती है कि उनके बच्चे भोजन के लिए वहां गए। महिला ने सफाई दी कि उनसे कूड़ा वहां डालने के लिए कहा गया था जिससे उसे जलाया जा सके। यही कारण है कि उसके एक बेटे के हाथ में एक कूड़े का बैग था। वहीं वह मीडिया में चल रही इन खबरों से भी इंकार करती हैं कि वहां चार बच्चे थे उनके अनुसार उस जगह पर तीन ही बच्चे थे दो उसके और एक पडोसी का। 

महिला बताती है कि हमारे घर पर खाने के लिए कुछ नहीं होता तो हम नारियल इकट्ठा कर लाते हैं और उन्हें बेचकर चावल खरीद लेते हैं। हम अपने बच्चों को कूड़ा उठाने के लिए नहीं भेजते। वैसे भी यार्ड के लोग उन्हें वहां से कुछ खाने की अनुमति नहीं देते हैं। उसने अखबार पर भी आरोप लगाया कि उसने गलत तरीके से बताया कि जब पिता काम पर चले जाते हैं तब हम माआएं अपने बच्चों को कूड़ा घर में भेज देती हैं। 

बता दें कि यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ दिन पहले केरल में चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक अखबार में छपी खबर के बाद बयान दिया था कि केरल के आदिवासी इलाकों में सोमालिया से भी खतरनाक हालात हैं। उनके इस बयान के बाद से लगातार केरल की राज्य सरकार उनके खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए है।

 
 
 

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