नईदिल्ली: अगर किसी से पूछा जाए कि मनमोहन सिंह ईमानदार हैं क्या तो कोई भी आंख बंद करके कह देगा हां वो ईमानदार हैं।
लेकिन अब एक वीडियो उनकी ईमानदारी पर सवाल खड़ा कर रहा है। वीडियो एक इनकमटैक्स कमीश्नर का हैजिसका दावा है कि मनमोहन सिंह भी दूध के धुले नहीं है। पूर्व पीएम भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वीडियो में कमीश्नर कह रहा है कि मनमोहन सिंह ने 500 करोड़ के घोटाले के लिए उसे 27 बार फोन किया।
इससे पहले गुरुवार को जब मोदी सदन में आए तो चर्चा में मनमोहन सिंह ने हिस्सा लिया। ढाई साल में एेसा दूसरी बार हुआ, जब किसी बड़ी बहस में वे शामिल हुए। हालांकि, लंच के बाद मोदी सदन में नहीं आए। इस वजह से हंगामा हुआ और कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई।
मनमोहन ने सीधे मोदी से पूछे सवाल
नोटबंदी पर चर्चा में मनमोहन सिंह ने कहा- आपको इस बात पर ध्यान देना होगा कि इस एलान से आम लोगों को परेशानी हुई है। 60-65 लोगों की मौत हुई है। इससे देश के लोगों का देश की बैंकिंग और करंसी सिस्टम में विश्वास कम हो सकता है। मैं पीएम से पूछना चाहता हूं कि वह किसी ऐसे देश का नाम बताएंगे, जहां लोग अपने पैसे बैंक में जमा तो कर सकते हैं, लेकिन निकाल नहीं सकते हैं
पीएम मोदी ने कहा था कि 50 दिन दीजिए, लेकिन गरीब लोगों के लिए 50 दिन बहुत होते हैं। इसका असर जीडीपी पर भी पड़ेगा। यह 2% कम हो जाएगी। नोटबंदी से एग्रीकल्चर सेक्टर, स्मॉल स्केल इंडस्ट्री, अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वालों को काफी असर पड़ेगा। नोटबंदी के लिए रोज-रोज नियम बनाना ठीक नहीं है। पीएमओ और आरबीआई नोटबंदी को पूरी तरीके से लागू करने में फेल रहा है। मैं पीएम से अपील करता हूं कि वे प्रैक्टिकल, ऐसे तरीकों को खोजें और ऐसे कदम उठाएं जिससे लोगों को नोटबंदी से राहत मिले।
जेटली ने कहा- टूजी, कॉमनवेल्थ स्कैम वाली सरकार देश ने देखी है
जेटली ने संसद परिसर में कहा,’ सरकार का रवैया स्पष्ट है कि चर्चा हो और जो कदम उठाए हैं और आज क्या स्थिति है। सरकार के कदम का सार्वजनिक जीवन और व्यावसायिक जीवन पर सरकार उसे भी स्पष्ट करेगी।- 2004 से 2014 तक जो लोग सरकार में थे, इस दौरान सबसे अधिक ब्लैक मनी का जनरेशन हुआ होगा, सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ होगा। टूजी से लेकर कॉमनवेल्थ गेम घोटाला होगा। ब्लैकमनी और क्राइम मनी बनाई जा रही थी। उन्हें स्कैम ब्लंडर नहीं लगता था, लेकिन हमारी सरकार ने इसके खिलाफ कदम उठाए तो पुरानी सरकार के मुखिया को ये ब्लंडर लगने लगा।
मनमोहन ने लोकसभा चुनाव के बाद दूसरी बार किसी बहस में हिस्सा लिया
83 साल के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह असम से राज्यसभा सदस्य हैं। PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, मनमोहन पिछली बार जून 2013 में पांचवीं बार राज्यसभा के सदस्य बने। लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने सिर्फ एक बार 5 अगस्त 2016 को आंध्र प्रदेश पुनर्गठन संशोधन विधेयक 2015 के बारे में प्राइवेट मेंबर बिल के डिबेट में हिस्सा लिया था। नोटबंदी पर पहली बार वे संसद में कुछ बोले।
कितनी है मनमोहन की सक्रियता
मनमोहन सिंह की अटेंडेंस 97% है। बाकी सांसदों की हाजिरी के एवरेज 79% से ज्यादा। बजट सेशन में मनमोहन की मौजूदगी 100% रहती है। हालांकि, जुलाई-अगस्त में हुए मानसून सेशन में उनकी मौजूदगी 75% थी। सिंह ने इससे पहले सिर्फ एक बार बहस में हिस्सा लिया था। PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक, मनमोहन ने लोकसभा चुनाव के बाद कोई सवाल नहीं पूछा।