सामूहिक बलात्कार मामले में पूर्व नौसेना कर्मी को जेल
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने एक युवा महिला से बार बार सामूहिक बलात्कार करने और उसे धमकाने के जुर्म में 72 वर्षीय सेवानिवृत्त नौसेना कर्मचारी समेत दो लोगों को 20-20 साल जेल की सजा सुनायी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) वीरेन्द्र भट ने 45 वर्षीय रोहताश मान तथा वरिष्ठ नागरिक ईश्वर सिंह को 20-20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी जो सामूहिक बलात्कार के अपराध में भारतीय दंड संहिता के तहत न्यूनतम सजा है। सिंह को आईपीसी की धारा 354 ए (1), (2) के तहत भी दोषी ठहराया गया जो शारीरिक संपर्क तथा अवांछित व्यवहार, यौन संकेत तथा यौन संपर्क के लिए आमंत्रण से संबंधित है। अदालत ने मान तथा उसके चाचा ईश्वर सिंह पर 25-25 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया और कहा कि यह राशि वसूल होने पर पीड़िता को दी जाए। अदालत ने महिला की गवाही पर भरोसा किया और कहा कि उसका बयान ‘‘ठोस तथा विश्वसनीय’’ है। महिला मान के घर में किराए पर रहती थी। पुलिस के अनुसार यह महिला रोजगार की तलाश में 2012 में दिल्ली आयी थी और वह मान से उसके दफ्तर में मिली और उसने महिला को रोजगार दिलाने के नाम पर उससे 20 हजार रूपये वसूले। महिला ने मान के घर में किराये पर रहना शुरू किया। वह मान के दो बच्चों के लिए खाना पकाने का काम करने के साथ साथ उसके दफ्तर का कामकाज भी संभालने लगी। इसके लिए वह उसे कुछ धनराशि देता था। इसके बाद मान के चाचा ईश्वर सिंह ने भी अपने भतीजे के साथ रहना शुरू कर दिया। पुलिस ने बताया कि मान महिला के साथ जबरन शारीरिक रिश्ते स्थापित करता था और धमकी भी देता था कि यदि उसने किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा। पुलिस के अनुसार 26 जुलाई 2013 को मान और सिंह नशे की हालत में महिला के कमरे में घुसे और उसको गालियां दी तथा उसके कपड़े फाड़ दिए। मान ने बंदूक दिखाकर महिला के साथ बलात्कार किया और सिंह ने यह कहते हुए उसके साथ दुर्व्यवहार किया, श्श्सैक्स का मजा लेने के लिए कोई उम्र नहीं होती।’’ कमरे के बाहर खड़े सिंह ने मान से कहा कि वह महिला के साथ जो कुछ करना चाहता है करे। और साथ ही महिला को धमकी दी कि यदि शोर मचाया तो जान से मार देगा। अगले दिन, महिला घर से भाग निकली और अपनी दोस्त के घर चली गयी तथा कापसहेड़ा पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। महिला ने अदालत को बताया कि दोनों उसके कमरे में आते थे और यौन संबंधों की मांग करते थे। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह स्पष्ट है कि दोनों आरोपियों ने महिला पर 26 जुलाई 2013 को शारीरिक हमला किया, गालियां दीं और उसके कपड़े फाड़ डाले। इसके बाद मान ने उसके साथ बलात्कार किया। अदालत ने कहा, श्श्सिंह ने महिला से ये जो बात कही कि सैक्स का मजा लेने की कोई उम्र नहीं होती, यह दर्शाता है कि बुजुर्ग होने के बावजूद उसकी भी महिला के साथ यौन संबंध बनाने की इच्छा थी और यह भी कि वह उस समय कमरे के बाहर खड़ा था जब मान महिला का बलात्कार कर रहा था। ये दर्शाता है कि दोनों महिला से बलात्कार करने की साझा नीयत के साथ काम कर रहे थे।’’ अदालत ने कहा कि सबूत यह भी पुख्ता करते हैं कि सिंह की मान को महिला से बलात्कार करने के लिए उकसाने में भूमिका थी। सुनवाई के दौरान हालांकि मान और सिंह ने महिला द्वारा लगाए गए आरोपों से इंकार किया। सिंह ने इस आधार पर उदारता बरते जाने की अपील की कि वह बुजुर्ग और बीमार हैं तथा एक शिक्षित और सभ्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं तथा उनके सात बच्चे हैं।