नई दिल्ली। पठानकोट एयरबेस और हाल में कश्मीर में तनाव के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को इस्लामाबाद जा रहे हैं। सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में वो शिरकत करेंगे। हाफिज सईद की धमकी के बाद राजनाथ सिंह की सुरक्षा में 200 कमांडो तैनात किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री मुंबई हमलों के मुद्दे को भी उठा सकते हैं। जानकारों का मानना है कि गृहमंत्री के इस्लामाबाद दौरे से दूसरे मुल्कों को ये संदेश देेने की कोशिश है कि भारत क्षेत्रीय शांति के लिए प्रतिबद्ध है।
दो दिन तक चलेगा कॉन्फ्रेंस
दो दिन तक चलने वाले कॉन्फ्रेंस के इतर गृहमंत्री राजनाथ सिंह नवाज शरीफ सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। राजनाथ सिंह वैसे तो सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। लेकिन कश्मीर में हाल ही में हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी के सफाए का मामला भी भारत उठा सकता है। गौरतलब है कि बुरहान वानी के समर्थन में पाकिस्तानी रुख की भारत सरकार ने कड़ी आलोचना की थी।
राजनाथ का पाक दौरा इसलिए महत्वपूर्ण
गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सार्क में मल्टीलेट्रल मीटिंग होती है। वहां कुछ बाध्यताएं होती हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह पाकिस्तान के गृहमंत्री से अलग से कोई मीटिंग नहीं करेंगे। पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा भड़का कर और आतंकी बुरहान वानी का मुद्दा उठाकर घाटी में माहौल अशांत कर रहा है। इसकी आड़ में वो द्विपक्षीय वार्ता को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश कर रहा है। इन हालात में अगर भारत मीटिंग में हिस्सा नहीं लेता तो पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय फोरम में बेवजह मुद्दा बनाता।
हाफिज और सलाउद्दीन की धमकी
मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद ने राजनाथ सिंह को पाकिस्तान न आने की धमकी दी है। उसने कहा है कि राजनाथ सिंह के इस्लामाबाद आने पर वो पूरे पाकिस्तान में विरोध करेगा। इसके अलावा सलाउद्दीन ने राजनाथ सिंह की यात्रा पर सवाल उठाया है। हाफिज ने राजनाथ सिंह को कश्मीरियों का हत्यारा बताया है। हाफिज ने नवाज शरीफ से कहा है कि वो भारत से पाकिस्तानी उच्चायुक्त को वापस बुला लें। इसके अलावा भारत के साथ सभी तरह के राजनैतिक और व्यापारिक रिश्तों को खत्म कर दे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाक को लताड़ा था
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नवाज शरीफ के उस बयान की कड़ी आलोचना की थी जिसमें नवाज शरीफ ने कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने की बात कही थी। सुषमा स्वराज ने साफ कर दिया था कि कयामत तक कश्मीर कभी भी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा। पाकिस्तान सपना देखना छोड़कर हकीकत को स्वीकार करे। भारत सरकार ने कश्मीर में पाक समर्थित आतंकवाद की कड़ी निंदा की थी, और पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि वो आतंकियों की मदद करना बंद कर दे।
गृहमंत्री की पाक यात्रा को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी। भारत सरकार ये संदेश नहीं देना चाहती थी कि लोगों में ये संदेश जाए कि सरकार आतंकवाद और पाकिस्तान के मुद्दे पर लचीला रुख अपना रही है। हालांकि बाद में ये फैसला किया गया कि एक जिम्मेदार देश होने के नाते भारत का अपने पड़ोसियों के प्रति फर्ज को पूरा करना चाहिए, ताकि अंतरराष्ट्रीय जगत में गलत संदेश न जाए।
यह है सार्क
SAARC (साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन) साउथ एशिया के 8 देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। इसकी शुरुआत 8 दिसंबर, 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान ने मिलकर की थी।