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सार्वजनिक उपक्रमों को IPO, एक को FPO लाने के लिए सरकार ने दिखाई हरी झंडी

सरकार ने टीएचडीसीआईएल, टीसीआईएल और रेलटेल सहित 6 सार्वजनिक उपक्रमों को सूचीबद्ध करने का फैसला किया है. ये उपक्रम इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग्स (आईपीओ) लाएंगे. वहीं केआईओसीआईएल को फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) लाने की अनुमति दी गई है.

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने छह सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कराने की अनुमति दे दी है. सीसीईए की गुरुवार को हुई बैठक में 6 सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा आईपीओ लाने की मंजूरी दी गई. एक सार्वजनिक उपक्रम के एफपीओ की अनुमति दी गई है.

जिन 6 कंपनियों के आईपीओ आने हैं उनमें टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स (इंडिया) लि. (टीसीआईएल), रेलटेल कॉरपोरेशन इंडिया लि., नेशनल सीड कॉरपोरेशन इंडिया लि. (एनएससी), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लि. (टीएचडीसीआईएल), वॉटर एंड पावर कंसल्टेंसी सर्विसेज (इंडिया) लि. (वैपकॉस) और एफसीआई अरावली जिप्सम एंड मिनरल्स (इंडिया) लि. (एफएजीएमआईएल) शामिल हैं.वहीं,  कुद्रेमुख आयरन ओर कंपनी (केआईओसीएल) एफपीओ लेकर आएगी.

प्रसाद ने कहा कि इन सार्वजनिक उपक्रमों की सूचीबद्धता से उनकी क्षमता और मूल्य को दोहन करने में मदद मिलेगी. प्रसाद ने बताया कि वित्त मंत्री, सड़क परिवहन एवं पोत परिवहन मंत्री, संबंधित मंत्रालय के मंत्री वाला एक वैकल्पिक तंत्र केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) की सूचीबद्धता के लिए विनिवेश के तरीके, कितना विनिवेश किया जाना है, मूल्य और समय तय करेगा. इसमें वे सार्वजनिक उपक्रम भी शामिल हैं जिन्हें भविष्य में सूचीबद्ध किया जाना है.

बाद में एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सीपीएसई की सूचीबद्धता के लिए पात्रता मानदंड का विस्तार किया गया है. इसमें कहा गया है कि सकारात्मक नेटवर्थ वाले तथा ऐसे सार्वजनिक उपक्रम जिनको पिछले तीन वर्ष के दौरान शुद्ध लाभ हुआ है, वे शेयर बाजारों पर सूचीबद्धता के पात्र होंगे. हालांकि, प्रसाद ने यह नहीं बताया कि ये आईपीओ या एफपीओ चालू वित्त वर्ष में आएंगे कि नहीं.

ताजा आंकड़ों के अनुसार सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अभी तक विनिवेश से 34,142.35 करोड़ रुपये जुटाए हैं. चालू वित्त वर्ष के लिए बजटीय लक्ष्य 80,000 करोड़ रुपये का है. बीते वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार ने विनिवेश से कुल 1,00,056.91 करोड़ रुपये जुटाए थे, जबकि इसका संशोधित लक्ष्य 1,00,000 करोड़ रुपये था.

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