सार्वजनिक संस्थानों की विरासत को खत्म कर रही सरकार: ममता बनर्जी
कोलकाता: बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शनिवार को पेश आम बजट में की गई घोषणाओं और सरकारी कंपनियों में विनिवेश पर हैरानी जताई है। उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार देश की सार्वजनिक संस्थानों की विरासत को खत्म कर रही है।
ममता ने ट्वीट कर कहा-‘मैं सार्वजनिक संस्थानों की धरोहर व विरासत को निशाना बनाए जाने की केंद्र सरकार की योजनाओं को देखकर हैरान हूं। यह सुरक्षा की भावना का अंत है।’ उन्होंने आइपीओ के माध्यम से एलआइसी में केंद्र सरकार के एक हिस्से को बेचने की योजना का विरोध करते हुए कहा-‘मैं इससे हैरान हूं।’ एलआइसी के साथ एयर इंडिया, बीएसएनएल, भारतीय रेलवे में विनिवेश को लेकर भी ममता सवाल उठाए।
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार एलआइसी में आइपीओ के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेगी। दरअसल केंद्र सरकार के पास एलआइसी में पूरी 100 फीसद इक्विटी है, जिसे 1956 में संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया था। वित्तमंत्री ने चार नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण भी पीपीपी मॉडल पर करने की घोषणा की है। पिछले दिनों सरकार ने एयर इंडिया में भी 100 फीसद हिस्सेदारी बेचने का एलान किया था।
करों में रियायत वापस लिए जाने की तृणमूल ने की आलोचना
तृणमूल कांग्रेस ने पेश बजट में करों में मिलने वाली रियायत वापस लिए जाने पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट कर कहा-‘केंद्र सरकार ने ऐसे देश में बचत के लिए दी जाने वाली रियायत (प्रोत्साहन) को हटाया है, जहां सामाजिक सुरक्षा नहीं है। सरकार ने करों में मिलने वाली 100 में से 70 छूट को वापस ले लिया है। पीपीएफ, एलआइसी, हेल्थ इंश्योरेंस आदि में निवेश पर प्रोत्साहन के रूप में छूट दी गई थी।’ डेरेक ने कहा-‘सरकार आम बजट में नए टैक्स स्लैब बनाने व छूट का दावा कर लोगों को गुमराह कर रही है।’
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में नए टैक्स स्लैब की घोषणा की है। इसमें लोगों को पुराने टैक्स दरों से भी आयकर भुगतान का विकल्प दिया गया है, हालांकि साथ में कहा गया है कि नई दरों पर कर भुगतान करने पर करों में मिलने वाली करीब 70 रियायतों को छोड़ना होगा। पहले बीमा, निवेश, मेडिकल, बच्चों की स्कूल फीस जैसी कुल 100 चीजों पर करों में रियायत दी गई थीं जबकि नए टैक्स स्लैब में 70 रियायतों को खत्म कर दिया गया है।
विपक्षी दलों ने बजट को बताया भ्रामक
आम बजट को विपक्षी दलों तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाममोर्चा ने एक सुर में भ्रामक करार देते हुए आम जनता से छलावा बताया है। बंगाल के वित्त मंत्री व वरिष्ठ तृणमूल नेता अमित मित्र ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था धरातल पर पहुंच चुकी है। हालात पिछले सात वर्षो में सबसे खराब दौर में है। यह बजट एक हाथ से देने और दूसरे हाथ से छीन लेने वाला है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मध्यम वर्ग को पूरी तरह से नजरंदाज किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रेलवे और एलआइसी जैसी देश की धरोहरों को निजी हाथों में सौंपने जा रही है, जो भयावह है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी बजट को भ्रामक करार देते हुए कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री ने भविष्य का सपना दिखाकर लोगों से केवल छलावा किया है। वह सबकुछ छिपा रही है। जीडीपी को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया गया। सरकार लुका-छिपी का खेल खेल रही है। वरिष्ठ माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसी भी वर्ग के लिए स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। देश की आर्थिक हालत को छिपाया जा रहा है। मध्यम वर्ग को नजरंदाज किया गया है। बजट महज छलावा है।
जिनकी बाहरी कमाई बंद हुई, वही मचा रहे हाय-तौबा
दूसरी तरफ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बजट की आलोचना करने वाले विपक्ष के नेताओं की कड़ी आलोचना करते हुए उन पर नकारात्मकता फैलाने का आरोप लगाया। घोष ने कहा-‘जिन नेताओं की बाहरी कमाई बंद हो गई है, वही ज्यादा हाय-तौबा मचा रहे हैं जबकि देश की जनता बजट का स्वागत कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आमजन के हितों के बारे में ही सोचते हैं। उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की कोशिश करते हैं। बजट में आयकर में छूट दी गई है। महिलाओं के हितों का ध्यान रखा गया है।
एलआइसी में हिस्सा बेचने की योजना का कर्मचारी संघ ने किया विरोध
एलआइसी से संबद्ध कर्मचारी संघ ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए एलआइसी में केंद्र के एक हिस्से को बेचने की योजना का पुरजोर विरोध करते हुए इसे देशहित के खिलाफ बताया है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एलआइसी को सरकार के निवेश पहल के हिस्से के तौर पर सूचीबद्ध किया जाएगा।