साल 2019 ‘शनि’ से प्रभावित जातकों के लिए बेहद शुभ, राशि में बैठ ‘शनिदेव’ करेंगे मालामाल
ज्योतिष शास्त्र साल 2019 में शनि से प्रभावित जातक का राशिफल: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2019 शनि से प्रभावित जातकों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है।
शनि ग्रह से प्रभावित ऐसी 4 राशियां के बारे में ज्योतिष शास्त्र में विवरण मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी राशियों की अपनी-अपनी विशेषता और खामियां होती हैं। लेकिन 4 राशियां ऐसी हैं जिसके स्वामी ग्रह शनि हैं जिस कारण इस राशियों पर शनि का प्रभाव सबसे अधिक रहता है। साथ ही इन राशियों के जातक को सबसे अधिक भाग्यशाली माना गया है।
हालांकि बिना मेहनत तो किसी को कुछ नहीं मिलता है। लेकिन इन्हें कोई भी चीज कम मेहनत में जल्दी मिल जाती है। अगली स्लाइड्स में जानिए शनि से प्रभावित इन राशियों के लिए कैसा रहेगा साल 2019…
मेष राशि के जातक शनि ग्रह से प्रभावित होने के कारण इस राशि के जातक बेहद उर्जावान होते हैं। साथ ही इस राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है। इस राशि के जातक का स्वभाव बहुत जिद्दी होता है। जिस कारण ये जिस काम को हाथ में लेते हैं उसे पूरा करके ही मानते हैं। साथ ही इस राशि के जातक बेहद ईमानदार होते हैं। इसलिए जो कुछ भी करते हैं वो पूरी ईमानदारी से करते हैं। दोस्ती के मामले में इस राशि के जातकों से अच्छा आपको शायद ही कोई मिले।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृष राशि में अभी शनि की ढैय्या चल रही है। अब शनि के मार्गी होने पर आपका पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल हो। इसलिए शनि के वक्री की अवधि में आपको पूर्ण सावधानी बरतनी होगी। शनि के वक्री की अवधि में किसी शनिवार को गरीबों के बाच कपड़ों और जूतों का वितरण करें।
आपके लिए शनि क वक्री बेहद खास साबित होगा। शनि वक्री के दौरान आपको किसी महत्वपूर्ण पद की प्राप्ति हो सकती है। सरकारी लाभ भी मिलने की पूरी संभावना है। अधूरे कार्य पूरे हो सकते हैं। शत्रुओं को पराजित करेंगे। शुभ कार्यों में अधिक रुचि रहेगी।
शनि की वक्री के दौरान आपको लंबे समय के रूके हुए कार्यों में सफलता मिलेगी। शनि की वक्री की पूरी अवधि में मन प्रसन्न रहेगा। रिश्तेदार और प्रतिष्ठित लोग आपकी सराहना करेंगे। कार्यक्षेत्र में अनुकूल वातावरण दिखेगा। शनि की वक्री के दौरान पदोन्नति की प्रबल संभावना है।
शनि की वक्री के दौरान आपको मेहनत ज्यादा करनी होगी। पारिवारिक खर्च का बजट बढ़ने से तनाव की आशंका है। महत्वपूर्ण कार्यो के पूरे होने में समय लग सकता है। बीमारी की आशंका से तनाव रहेगा।
शनि की वक्री की अवधि में आपको अपने निवास स्थान में बदलाव मुमकिन है। आपको अपने क्रोध में नियंत्रण रखना चाहिए, अन्यथा काम बिगड़ सकता है। इस अवधि के दौरान कोई भी ऐसा काम ना करें जिससे आपकी शांति भंग हो जाए। आपके परिवार में जमीन-जायदाद से संबंधित विवाद पैदा हो सकते हैं। हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना आपके लिए हितकर रहेगा।
शनि की वक्री के दौरान विरोधी आपको परेशान करेंगे। पारिवारिक साझेदारों में विवाद हो सकता है। इस दौरान सम्मान में कमी होगी। अपनों की उपेक्षा से मानसिक कष्ट रहेगा। थकान अनुभव करेंगे।
ज्योतिष के अनुसार वृश्चिक राशि के जातक भी शनि से प्रभावित होते हैं। साथ ही इस राशि के जातक की कुण्डली में मंगल का भी अच्छा प्रभाव माना गया है। शनि से प्रभावित होने के कारण इस राशि के जातक भाग्यशाली होते हैं। दोस्ती के मामले में मेष राशि की तरह ही सच्चे दोस्त साबित होते हैं। इतना ही नहीं जीवन में खुशियां पाने के मामले में भी इस राशि के जातक बेहद भाग्यशाली होते हैं। इन्हें बड़ा से बड़ा चीज भी कम मेहनत में आसानी से मिल जाती है। इस राशि के जातक मुश्किल हालातों पर भी आसानी से काबू पा लेते हैं।
धनु का राशि के लिए शनि का वक्री आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। शनि की वक्री के दौरान आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। मानसिक तनाव से भी परेशान हो सकते हैं। शनि की वक्री की अवधि के दौरान आपको नशा सेवन से बिल्कुल बचना चाहिए। हनुमानजी की आराधना से लाभ प्राप्त होगा।
शनि से प्रभावित मकर राशि के जातक में धैर्य और भावनाओं पर नियंत्रण करने की जबरदस्त क्षमता होती है। इसके अलावे इस राशि के जातक में मंगल का भी प्रभाव माना जाता है। शनि के प्रभाव के कारण इस राशि में समझ और बुद्धि भी अधिक होती है। इसलिए ये बेहद समझदार और भाग्यशली साबित होते हैं।
कुंभ राशि के जातक शनि से प्रभावित होते हैं। लेकिन इनमें परोपकार के गुण अन्य की तुलना में अधिक होते हैं। इसके अलावा इस राशि के जातक मेहनती भी होते हैं। अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत इस राशि के जातक बहुत भाग्यशाली साबित होते हैं। कुंभ जातकों के ये परोपकार और मेहनत के गुण उन्हें शनि की कृपा का पात्र बनाता है। इस प्रकार शनि की कृपा से उन्हें हर चीज मिलती है।
अनावश्यक धन हानि हो सकती है। बेकार के जिद से परेशानी में पड़ सकते हैं। किसी अपरचित से ठगा महसूस करेंगे। अत्यधिक जिद से हानि होगी। पद-प्रतिष्ठा में कमी हो सकती है।