सावधान: आपका होने वाला बच्चा भी हो सकता है किन्नर
हमारे समाज में एक वर्ग ऐसा होता है जिसे समाज स्वीकार नहीं करता है वो वर्ग है किन्नर या हिंजड़े जिन्हें समाज में कोई दर्ज़ा नहीं दिया गया है।हमारे पूवजों का मानना था की किन्नर सिर्फ वो पैदा होते हैं जो अपने पिछले जन्म में कुछ कुरुतियां और पाप करते है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की आखिर एक ही माँ के कोख से पैदा होने वाले बच्चे किन्नर कैसे बन जाते हैं।
वैज्ञानिक आधार पर किन्नर तब पैदा होते हैं जब माँ तीन महीने के गर्भ से होने के बाद उन्हें अगर किसी तरह की बीमारी हो जाये तो ऐसे में बच्चे में दो तरह के गुण पनपने लगते हैं।
ये दो तरह के गुण स्त्री गुण और पुरुष गुण दोनों होते हैं, और पैदा होने के बाद बच्चे में दोनों गुण होते हैं जिसे हमारा समाज स्वीकार नहीं करता और ऐसे बच्चे ही आगे चलकर किन्नर कहलाते हैं।
वैज्ञानिक पर ये सिद्ध हो चूका है की अगर गर्भावस्था के दौरान किसी होने वाली माँ को तेज़ बुखार हो जाये और उस समय बिना डॉक्टर के सलाह मशवरा किये अगर गलत दवा दे दी जाये तो उसका असर होने वाले बच्चे के लिंग पड़ पड़ता है और उसमे स्त्री पुरुष दोनों के गुण आ सकते हैं।