सावधान, कहीं चीन का नकली हीरा तो नहीं खरीद रहे आप,
सूरत। त्योहारी सीजन में अगर आप हीरा खरीदने की योजना बना रहे हैं तो सावधान हो जाइए। कहीं ऐसा ना हो कि आप असली हीरे की बजाय चीन का नकली हीरा खरीद बैठें क्योंकि चीनी नकली हीरों ने भारतीय बाजार में गुपचुप सेंध लगा दी है। इस तरह के सिंथेटिक हीरों के जरिये भारतीय हीरा उद्योग की छाप पर बट्टा लगाने की कोशिश हुई है। हालांकि, समय रहते हीरा कारोबारियों ने चीन के इस षड़यंत्र को समझते हुए तकनीकी कार्यप्रणाली की शुरुआत कर दी है।
कहते हैं हीरा है सदा के लिए, लेकिन अब इस सोच पर चीन ने पानी फेर दिया है। जी हां, क्योंकि हर खूबसूरत दिखनेवाला हीरों का आभूषण असली हीरों का है। ऐसा बिलकुल नहीं सोचें क्योंकि चीनी नकली हीरों ने भारतीय बाजार में घुसपैठ कर ली है। ये नकली हीरे देखने में बिल्कुल असली जैसे हैं। इतना ही नहीं, हीरे की कसौटी यानी कट, कैरेट, कलर, क्लैरिटी और पॉलिश से इन्हें पहचान पाना आम जौहरी के बस की बात नहीं है। यहां तक कि ये असली हीरों की तरह प्रमाणित भी हैं।
ऐसे पहचानें चीन का नकली हीरा
हीरों का परीक्षण करनेवाले की मानें तो जब हीरों का पैकेट इनके पास आता है तो पहले ऑटोमेटिक मेलिंग स्क्रीनिंग के जरिये करीबन 98 प्रतिशत असली हीरा पास हो जाता है। इसके बाद बाकी हीरों की शुद्धता की परख एक-एक कर अलग-अलग मशीनों के जरिये होती है। इनकी मानें तो नकली या सिंथेटिक हीरा बनाने के लिए आयरन और निकोल का उपयोग किया जाता है और कभी-कभी सिंथेटिक हीरों में यह आयरन और निकोल बनाते समय हीरे में रह जाता है। ऐसे हीरों के सामने मैग्नेट रखा जाए तो हीरे मैग्नेट में चिपक जाते हैं जिससे नकली हीरों की पहचान हो सकती है।
सूरत में तराशे जाते हैं 11 में से 9 हीरे
गौरतलब है कि दुनियाभर के 11 में से 9 हीरे सूरत के बाजार में तराशे जाते हैं। मसलन 96 फीसद लेबर वर्क जिसमें हीरों की कटिंग-पॉलिशिंग और फिनिशिंग सूरत के हीरा बाजार से होता है। इन सब के बीच चीनी नकली हीरों ने भारतीय बाजार में सेंधमारी की।
सूरत डायमंड एसोसिएशन प्रमुख दिनेश नावड़िया की मानें तो कुछ मुनाफाखोर आभूषण निर्माताओं द्वारा असली हीरों के साथ नकली हीरे आभूषण में मिलाने की शिकायत मिली। शिकयत मिलते ही तत्काल उसपर काम शुरू हो गया। असली हीरों की परख के लिए न सिर्फ मशीने आयात की गईं बल्कि ग्राहकों को हीरों का सर्टिफिकेट से लेकर भरोसेमंद दुकानदारों की लिस्ट भी तैयार कर वेबसाइट के जरिये ग्राहकों को जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश की गई। चूंकि दुनियाभर में बिकनेवाले 85 फीसद हीरे सूरत हीरा बाजार में तराशे जाते हैं, ऐसे में नकली हीरों के कारण विश्व स्तर पर भारतीय हीरा कारोबारियों की छवि खराब होती है क्योंकि असली और नकली दोनों तरह के हीरे तराशने का तरीका एक ही है।
खैर, सूरत हीरा कारोबारियों ने इन सिंथेटिक हीरों को लेकर न सिर्फ सचेत हैं बल्कि विश्व के बाजार में अपनी छवि बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ मुनाफाखोर कारोबारी चूना न लगा दें, इसके लिए आपको सचेत होना पड़ेगा।