सिंगल मदर से सुपरमदर तक… तो ऐसे करें घर और दफ्तर को बैलेंस
अगर आप एक सिंगल मदर हैं, तो यकीनन आपके ऊपर बहुत सी जिम्मेदारियां होंगी। अकेली महिलाओं के ऊपर घर, दफ्तर और बच्चों की परवरिश को साथ साथ लेकर चलने की चुनौती होती है। ऐसे में कई दफा वो चिड़चिड़ापन और थकान महसूस करती हैं। वैसे तो वक्त और हालात से सामंजस्य बैठाकर वो सबकुछ बैलेंस करने की पूरी कोशिश करती हैं। लेकिन अगर वो कुछ बातों की गांठ बांध लें, तो उनके लिए जिंदगी और भी आसान हो सकती है।
नौकरी
परिवार की जरूरत के हिसाब से नौकरी चुनें। अगर आपका बच्चा छोटा है तो ऐसी जॉब करें जिसमें ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सहूलियत हो, या फिर फ्लेक्सिबल शिफ्ट हों। अगर ये मुमकिन नहीं तो कोशिश करें कि आपके दफ्तर में या आसपास डे-केयर या डे-बोर्डिंग की सुविधा हो, जहां आप अपने बच्चे को रख सकें और बीच–बीच में उससे मिल सकें।
बच्चों के बिना कुछ वक्त बिताएं
कुछ वक्त अपने लिए निकालना भी जरूरी है। आप अपने दोस्तों के साथ वक्त बिताएं, शॉपिंग पर जाएं या अपनी पसंदीदा फिल्म देखें। अपने लिए किए गए ये सारे काम ऐसे समय पर प्लान करें जब आपका बच्चा डे केयर में हो। स्ट्रेस कम करने और परसनैलिटी ग्रोथ के हिसाब से भी ये जरूरी है।
घर बिखरा देख टेंशन में न आ जाएं
अगर आप साफ सफाई और चीजों को करीने से रखना पसंद करती हैं तो ये अच्छी बात है। लेकिन सुबह-सुबह बच्चे को स्कूल भेजने और खुद दफ्तर के लिए तैयार होने से पहले अगर आप घर के रोजमर्रा के काम पूरे करने का भी टारगेट रखेंगी, तो आपकी परेशानी बढ़ेगी। फिर सुबह की हेक्टिक शुरुआत का असर पूरे दिन पर पड़ेगा। आप ये काम घर लौटकर भी कर सकती हैं। इसलिए कुछ चीजों को नजरअंदाज करना बहुत जरूरी है। सुबह आप अपनी एक्सरसाइज, बच्चे के टिफन पर फोकस करें। हो सके तो बच्चे के साथ वॉक पर जाएं, पार्क में उसके साथ खेलें।
मल्टीटास्क करें
बच्चे की परवरिश 24X7 चलने वाला काम है। इसलिए आपको अपना काम बच्चे के काम के हिसाब से ही मैनेज करना होगा। इसके लिए आपको मल्टीटास्किंग यानी एक वक्त में दो से ज्यादा काम करने में महारथ हासिल करनी होगी। अगर आप घर की सफाई कर रही हैं, तो बच्चों से छोटे-मोटे काम, जैसे मोजे को जोड़े में लगाकर अलमारी में रखना, खिलौने साफ करना या कोई सामान किसी खास जगह पर सजाने को कहें, इससे आपको मदद भी मिलेगी और बच्चा बिजी रहेगा तो आपको हर वक्त उसपर नजर रखने की भी जरूरत नहीं।
किड स्पेशल बैग हमेशा तैयार रखें
बच्चा बोर हो तो उसका मन बहलाने के लिए केवल आप होंगी, उसके पिता नहीं। इसलिए एक स्पेशल बैग रखें, जिसमें कुछ स्नैक्स, कलरिंग बुक, गेम्स मौजूद हों। जब कभी बाहर निकलना पड़े आपको केवल उस बैग को अपने साथ लेकर निकलना है। फिर बच्चे को भूख लगे या वो बोर हो आपके पास उसका समाधान मौजूद होगा। हो सके तो वो बैग अपने बच्चे के साथ मिलकर तैयार करें ताकि वो अपनी पसंद की चीजें उसमें रखे और जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल करे।
इन सब आपाधापी के बीच जब भी टेंशन बढ़ जाए तो उलटी गिनती गिनें, लंबी सांस लें और बस ये बात याद रखें कि आपमें सारी परेशानियों का सामना करने की हिम्मत और काबिलियत है।