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सिंह राशि वालों को प्रसिद्धि दिला सकता है 2020

ज्योतिष : शास्त्र के अनुसार पांचवीं राशि हैं सिंह, जिसे अंगे्रजी में लियो कहा जाता है। सिंह राशि की लक्षण की बात करें तो आसानी से समझा जा सकता है कि सिंह राशि का स्वरूप शेर जैसा है, जिसका राशि स्वामी सूर्य है। सिंह राशि के लोगों का सुंदरता के प्रति मोह होता है। सिंह राशि के लोग बहादुर होते हैं और आसानी से किसी की बात नहीं मानते। इनमें हिम्मत बहुत अधिक होती है और मौका मिलने पर जोखिम भरे काम भी करने का साहस रखते हैं। सिंह राशि के लिए 2020 उत्तम रहने वाला है। सूर्य और बुध के योग से बुधादित्य योग बना रहा है जो कि इस वर्ष जातक को प्रसिद्धि दिला सकता है। करियर के मामले में विशेष रूप से यह वर्ष आपके लिये लाभकारी रहने की उम्मीद की जा सकती है। भाग्य के स्वामी मंगल स्वराशि के होकर चतुर्थ स्थान में विराजमान हैं जो कि इस वर्ष नये घर, नए वाहन या किसी बड़ी प्रोपर्टी की खरीददारी के योग आपके लिये बना रहे हैं। मातृ सुख भी आपके लिये इस साल बढ़ सकता है। कर्मभाव के स्वामी शुक्र जरुर आपको थोड़ा परेशान कर सकते हैं क्योंकि यह आपकी राशि से छठवें स्थान पर प्रतिस्पर्धाओं को बढ़ा रहे हैं लेकिन मित्र राशि के होने से मेहनत करने पर इन प्रतिस्पर्धाओं में आपको लाभ मिल सकता है। राहू का ग्याहरवें स्थान का होना जैसे कि पिछले वर्ष विदेश यात्राओं का योग बना था उसी प्रकार इस वर्ष भी छोटी-छोटी यात्राएं होती रहेंगी। सूर्य का शनि और केतु के साथ होना यह आपके पिता और सीनियर अधिकारियों के साथ वैचारिक मतभेद बढ़ा सकता है। संतान कारक ग्रह बृहस्पति वर्ष की शुरुआत में स्वराशिगत होंगे जिससे कि संतान सुख या संतान पक्ष से आपको सुख मिल सकता है। वहीं 24 जनवरी 2020 को शनि का परिवर्तन होगा जो कि आपकी राशि से छठवें स्थान में आ जायेंगे। स्वराशि में शनि के आने पर आपके शत्रुओं की संख्या बढ़ सकती है। रोगों में इजाफा हो सकता है। कहा जाता है कि शनि जहां पर बैठते हैं उस स्थान की बढ़ोतरी कर देते हैं। परन्तु स्वाराशि के शनि के होने से शत्रु आपको कोई हानि नहीं पहुंचा पाएंगे। केवल मानसिक तनाव रह सकता है। 30 मार्च को मकर राशि में बृहस्पति भी प्रवेश करेंगे। जो कि आपकी राशि से छठे स्थान में होंगे। यह आपके लिये प्रतिस्पर्धाओं में सफलता के योग बनाएंगे। शत्रु भी जातक से लालायित होंगे। मान-सम्मान बढ़ेगा। बृहस्पति और शनि की युति से यहां पर नीच भंग राजयोग भी बन रहा है। छोटी-छोटी सफलताओं के साथ आप बड़ी सफलता की ओर भी कदम बढ़ाएंगे। इस समय मिलने वाले किसी भी अवसर को हाथ से न जानें दें। 11 मई को शनि के वक्री होने पर शत्रुओं से होने वाली परेशानियां और अधिक हो सकती हैं। लेकिन वक्री शनि के प्रभाव से इस समय पर आप उनको ईंट का जवाब पत्थर से दे सकते हैं। मानसिक उलझनों में ज्यादा न पड़ें। इसका कुछ असर आपके दांपत्य जीवन में जीवन साथी पर भी पड़ सकता है।

शनि के मार्गी होने के बाद इस तरह की जो भी समस्याएं हैं वह कम होती चली जाएंगी। फंसा हुआ या रुका हुआ धन प्राप्त करने में परेशानियां रह सकती हैं। विदेश के माध्यम से या किसी दूर की यात्रा के माध्यम से भी धनार्जन होने के योग बन रहे हैं। यदि आपका पैसा कहीं रुका हुआ है तो थोड़े से प्रयास से उसकी प्राप्ति हो सकती है। सारे प्रयास कर सौभाग्य काल को पूरी तरह भुनाने के लिये यह श्रेयस्कर समय है। 14 मई को गुरु मकर राशि में ही वक्री होंगे इसके पश्चात गुरु जो शुभ प्रभाव आप पर डाल रहे हैं वह और बढ़ जाएगा। क्योंकि शुभ ग्रहों की शुभता वक्र होने पर बढ़ जाती है। 30 जून को गुरु वक्री अवस्था में ही पुन: धनु राशि में चले जाएंगें। जो इस समय आपमें योजना बनाने की क्षमता को बढ़ाएंगे और फिर से भविष्य के लिये सपने संजोने लगेंगे। 13 सितम्बर 2020 को गुरु धनु राशि में मार्गी हो जाएंगे, जिसके पश्चात आप अपनी योजनाओं को साकर रूप देने लगेंगे। इसी वर्ष राहु भी राशि परिवर्तन कर रहे हैं। 23 सितम्बर को राहु का परिवर्तन वृषभ राशि में हो रहा है जो कि आपकी राशि से कर्मभाव में होंगे। कर्मभाव में होने से कार्य करने की क्षमता का विकास होगा। सीनियर्स की अपेक्षाएं बढ़ सकती हैं। लेकिन उच्च के राहु आपको यह सफलता दिलाने में पूरा सहयोग करेंगे। हालांकि आपको सफलता के लिये अपने सीनियर्स व सहयोगी कर्मियों को साथ लेकर चलना होगा। 29 सितम्बर से फिर से शनि अपनी मूल अवस्था में आ जाएंगे जो कि धीरे-धीरे कार्य में, स्वास्थ्य में, मानसिक तनाव में कमी लाएंगे। 20 नवम्बर 2020 को गुरु धनु राशि से मकर राशि में आने से जातक को जबर्दस्त सफलता मिलेगी। दाम्पत्य जीवन के लिए वर्ष का पहला भाग बड़ी अनुकूलता लिए हुए है। जिनकी उम्र विवाह की हो चुकी है, उनका विवाह होने के योग प्रबल हैं।

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