एजेंसी/ अमूमन सिगरेट के पैक पर लगी चेतावनी को कोई नहीं पड़ता और स्मोकर मजे से सिगरेट के कश लगाता है. लेकिन सिगरेट के ये कश कितने महंगे होते है शायद इसके बारे में कोई स्मोकर सोचता हो.
इकनॉमिकस टाइम्स वेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई शख्स 30 साल की उम्र में सिगरेट पीना शुरू करता है तो वो 60 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते इस शौक पर एक करोड़ रुपये तक खर्च कर देता है. अगर ये कहना गलत नहीं होगा कि ये शौक किसी भी सिगरेट पीने वाले शख्स की जेब पर बहुत महंगा पड़ता है.
ईटी की रिपोर्ट अनुसार, एक सिगरेट की कीमत 10 से 15 रुपये के बीच होती है लेकिन हम एक सिगरेट की कीमत 12 रुपये मानते है. अगर कोई शख्स एक दिन में पांच सिगरेट पीता है तो वो सिगरेट पर रोजाना 60 रुपये खर्च करेगा और महीने में 1800 रुपये. वहीं पिछले चार सालों में तंबाकू उत्पादों पर हर साल औसतन 20 फीसदी की वृदि्ध हुई है और अगर हम मान कर चले की सालाना सिगरेट के दामों में आठ फीसदी का इजाफा होता है तो तीस सालों में स्मोकिंग करने वाला शख्स तीस सालों में 24.47 लाख रुपये सिगरेट पर खर्च कर देता है. वहीं सिगरेट पीने वाला शख्स सिगरेट पर खर्च करने वाले रुपये को हर साल इनवेस्ट करे तो वो उस पर नौ प्रतिशत का रिर्टन पा सकता है. इस इनवेस्टमेंट से वो तीस सालों मं 69.29 लाख रुपये मिल सकते हैं.
सिगरेट पीने से उस व्यक्ति की सेहत पर भी असर पड़ता है और उसके दवाइयों के खर्च भी बढ़ता है. हम मान कर चले कि सिगरेट पीने वाला शख्स 400 रुपये एक महीने में खर्च करता है. वहीं डॉक्टर की फीस और दवाइयों पर 15 फीसदी सालाना बढ़ोतरी होती है. हम इस बढ़ोतरी को 12 फीसदी भी मानकर चले तो स्मोकर तीस सालों में दवाई और डॉक्टर के पास जाकर सालाना 11.59 लाख रुपये खर्च करता है. अगर वो इस धन राशि का कहीं निवेश करते तो उसे नौ प्रतिशत का रिर्टन मिलेगा जिससे 30 सालों में उसकी बचत 26.70 लाख तक पहुंच जाएगी.
इतना ही नहीं स्मोकिंग करने वाले लोग अगर अपना बीमा करने जाते है तो उन्हें ज्यादा बीमा राशि देनी पड़ती है क्योंकि वो इंशोरेंस की टर्म में हाई रिस्क कैटगरी में आते हैं. बीमा कंपनी 30 साल के स्मोकर को एक करोड़ रुपये के कवर पर तकरीबन 460 रुपये का ज्यादा बीमा राशि देनी पड़ती है. इससे 30 सालों में उसे 1.65 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रीमियम देना पड़ता है अगर वो इन रुपये की कहीं इनवेस्ट करे तो 7.52 लाख रुपये का रिर्टन पा सकता है.