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सिद्धारमैया के फिर बनूंगा CM वाले बयान को लेकर मची हलचल

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया के फिर से मुख्यमंत्री बनने की चाहत वाले बयान से राज्य की राजनीति में हलचल हो गई है. सिद्धारमैया ने कहा है कि अगर जनता का आशीर्वाद रहा तो वह फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बनेंगे.

राज्य के हासन में आयोजित एक कार्यक्रम में सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा कि राजनीति में हार-जीत होती रहती है और जनता के आशीर्वाद से वह एक बार फिर कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनेंगे. मगर जैसे ही सियासी गलियारे में उनके बयानों के निहतार्थ निकाले जाने लगे उन्हें सफाई भी देनी पड़ी.

सिद्धारमैया ने कहा, ‘राजनीति नदी की तरह होती है और हमेशा प्रवाहित होती रहती है. मैं फिर मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं. मुझे पूरा विश्वास है, जनता फिर मुझे आशीर्वाद देगी.’

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए विपक्ष ने आपस में हाथ मिला लिया है. राजनीति में जाति और धनबल बढ़ा है. सिद्धारमैया ने कहा, ‘मैंने सोचा था कि जनता मुझे आशीर्वाद देगी और मैं दोबारा मुख्यमंत्री बनूंगा, लेकिन  दुर्भाग्यवश मैं हार गया. मगर यह अंत नहीं है. राजनीति में हार और जीत सामान्य बात है.’

हालांकि बाद में सियासी गलियारी में तमाम तरह की अटकलेबाजी शुरू होने पर सिद्धारमैया को अपने बयान पर स्पष्टीकरण देने फिर सामने आना पड़ा. मैसूर पहुंचे सिद्धारमैया ने कहा कि क्या मीडिया उनके मन की बात को भांप लेता है? पूर्व में दिए गए बयान में मेरे कहने का सिर्फ यही मतलब था कि कांग्रेस अगले चुनाव में फिर से सत्ता में आएगी.

इधर दिल्ली में सिद्धारमैया के बयान पर जेडीएस ने प्रतिक्रिया जाहिर की है. कर्नाटक कांग्रेस की सहयोगी पार्टी जेडीएस के प्रवक्ता दानिश अली ने कहा कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी दोनों दलों के गठबंधन के तहत पांच सालों के लिए आरक्षित है. भारत में हर शख्स को सीएम और पीएम बनने की पूरी आजादी है. सिद्धारमैया जी जो बात कह रहे हैं उसमें कोई खामी नहीं है.

दानिश अली ने कहा, ‘सिद्धारमैया के बयान से मैं सहमत हूं. वह पांच साल बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में कर्नाटक में सरकार अपने पांच साल पूरे करेंगी.’  

गौरतलब है कि अभी कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. मगर राज्य में गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही दोनों दलों के बीच मतभेद की बातें सामने आती रही हैं. माना जा रहा है कि सिद्धारमैया खेमे के कुछ विधायक इस खींचतान के लिए जिम्मेदार हैं.

गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रहे सीएम कुमारस्वामी ने पिछले दिनों एक बयान दिया था कि वह गठबंधन सरकार की पीड़ा जानते हैं, उन्होंने दुखी स्वर में कहा था कि वह इस पीड़ा को निगल गए हैं. इस दौरान कुमारस्वामी ने कहा था कि गठबंधन की इस सरकार में जो कुछ भी चल रहा है उससे वह खुश नहीं हैं.

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