‘सिन्हा ने किया था पद का दुरुपयोग, जांच की जाए’
नई दिल्ली : सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत कुमार सिन्हा की कोलगेट और टूजी मामलों के आरोपियों के साथ कथित मुलाकातों को अनुचित ठहराते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए। इसके साथ ही न्यायालय ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को न्यायालय की मदद के लिए कहा है। न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इन आरोपों में दम है कि सिन्हा ने मामलों के जांच अधिकारियों की अनुपस्थिति में इन लोगों से मुलाकातें कीं। पीठ ने सीवीसी से कहा कि वह इस पूरे मुद्दे पर छह जुलाई से पहले एक रिपोर्ट दायर करे। न्यायाधीश कुरियन और न्यायाधीश ए के सीकरी की सदस्यता वाली इस पीठ ने कहा, हमें इस निवेदन में दम नजर आता है। सीबीआई निदेशक द्वारा जांच अधिकारियों की अनुपस्थिति में इन लोगों से मुलाकात करना अनुचित है। पीठ ने सिन्हा की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें सिन्हा ने कथित झूठी गवाही के लिए वकील प्रशांत भूषण के अभियोजन की मांग की थी। भूषण ने दरअसल एक गैर सरकारी संगठन की ओर से याचिका दायर करके मांग की थी कि कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में जांच को प्रभावित करने के लिए अपने पद के कथित दुरुपयोग के लिए सिन्हा के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच करवाई जाए।