बुलंदशहर के स्याना तहसील के गांव महाव में सोमवार सुबह गोवंश अवशेष मिलने पर पुलिस, हिंदूवादी संगठनों और ग्रामीणों में जमकर टकराव हुआ था। गुस्साए ग्रामीणों ने चिंगरावठी चौकी के पास सड़क पर जाम लगाया। जिसके बाद स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने जब मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया। गुस्साई भीड़ ने चौकी के बाहर खड़े पुलिस के दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। चौकी में घुसकर तोड़फोड़ की और सामान को आग लगा दी। हालात बेकाबू होने पर पुलिस ने हवाई फायरिंग की। इस पर ग्रामीणों ने सुबोध कुमार पर हमला बोल दिया। घटना में गोली लगने से कोतवाल सुबोध और एक युवक सुमित की मौत हो गई थी।
इस मामले ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका दे दिया है क्योंकि राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार है। घटना में पुलिस इंस्पेक्टर की मौत ने सियासी रंग ले लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने राज्य के मुख्यमंत्री पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, ‘यह एक बेहद चौंकाने वाली घटना है कि कैसे भीड़ ने अखलाख के मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी। किसने इन लोगों को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार दिया? अपने राज्य की देखभाल करने की बजाए योगी तेलंगाना जा रहे हैं और वहां जहर उगल रहे हैं।’
वहीं इस घटना पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए क्योंकि उस क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय नहीं रहता है। उन्होंने कहा, ‘यदि यह सच में पशु अवशेष का मामला है तो पुलिस को इस मामले की जांच करनी चाहिए कि उन अवशेषों को वहां कौन लेकर आया। उस विशिष्ट क्षेत्र में कोई अल्पसंख्यक आबादी नहीं रहती है।’
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘बुलंदशहर में जो हुआ उसने मानवता को नीचे गिरा दिया है। राज्य सरकार का कहना है कि इस मामले के पीछे जो भी जिम्मेदार हैं उन्हें बिना किसी भेदभाव के न्याय के समक्ष लाया जाएगा। मैं लोगों से उन तत्वों से सावधान रहने की अपील करता हूं जो अपने हितों के लिए अशांति पैदा कर रहे हैं।’