मेरठ: चार नवंबर को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) की वेबसाइट छात्रों के लिए सिरदर्द बन गई है। चार दिन बाद शुरू हुई वेबसाइट में कुछ ही घंटों तक रजिस्ट्रेशन हुए, लेकिन फीस जमा नहीं हो पा रही। वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) सब्मिट करने में भी छात्रों के पसीने छूट रहे हैं। वेबसाइट के चक्कर में साइबर कैफों पर छात्रों के आवेदनों का ढेर लग चुका है। छात्रों से लेकर साइबर कैफे संचालक देर रात तक आवेदन करने की कोशिश में जुटे हैं पर सफलता नहीं मिल रही। आवेदन की आज आखिरी तिथि होने से छात्र तनाव में थे। हालांकि, शासन ने आवेदन की अंतिम तिथि 7 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। वहीं आवेदन शुल्क जमा कराने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर कर दी गई है। प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति को अनिवार्य टीईटी की वेबसाइट पूरी तरह से पटरी से उतरी हुई है। शुरुआती कुछ दिनों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश दिनों में छात्रों के आवेदन नहीं हुआ। आवेदनों की शुरुआत में भी छात्रों को रात में अपने फॉर्म भरने पड़े। लेकिन बीते चार दिनों से आवेदन पूरी तरह से बंद हैं। मंगलवार की रात वेबसाइट फिर से शुरू हुई। छात्रों के आवेदन भी हुए, लेकिन फीस जमा नहीं हुई। अधिकांश छात्रों का कई बार कोशिश करने के बाद आवेदन हुआ। छात्रों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के बाद फीस जमा नहीं हो पा रही। यदि किसी तरह फीस जमा हो गई है तो फिर फाइनल प्रिंट आउट नहीं मिल रहा।
आवदेन के इंतजार में दो लाख छात्र
मेरठ: चौ.चरण सिंह यूनिवर्सिटी से संबद्ध नौ जिलों में दो लाख छात्र-छात्राओं को टीईटी में आवेदन का इंतजार है। इन जिलों में अधिकांश छात्र अभी तक फॉर्म नहीं भर सके हैं। चूंकि इन जिलों में ज्यादातर छात्र ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं और पूरी तरह से आसपास के कस्बे या शहर में साइबर कैफों पर निर्भर हैं। ऐसे में ये छात्र साइबर कैफों के संपर्क में हैं, लेकिन आवेदन नहीं हो रहे। सीसीएसयू में बीएड की 40 हजार सीटें हैं। 2007 के बाद से विवि में बीएड उत्तीर्ण छात्रों की संख्या करीब दो लाख है जबकि आवेदनों की संख्या अभी दस हजार तक भी नहीं पहुंची है।
फार्म भरने के बाद भी नहीं जमा हो रही है फीश
टीईटी आवेदनों में जहां अधिकांश छात्रों की फीस जमा नहीं हो रही वहीं कुछ छात्रों की फीस अपने आप ही जमा हो गई है। इन छात्रों का फाइनल प्रिंट भी निकल गया है। आवेदक शशिकांत के साथ भी यही हुआ। चार दिन पहले छात्र ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन फीस जमा नहीं हो सकी थी। मंगलवार को जब वेबसाइट खुली तो शशिकांत ने फीस जमा करने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही ऑनलाइन पेमेंट की प्रक्रिया शुरू की तो फीस जमा होने का मैसेस मिला। छात्र के फॉर्म पर बाकायदा ट्रांजक्शन आईडी भी दर्ज है। छात्र के अनुसार उसने अभी तक फीस जमा ही नहीं की तो यह आईडी कैसे मिल गई। ऐसे अनेक छात्र हैं जिनकी फीस में गड़बड़ी हुई है। दिन में फॉर्म नहीं भरे जाने से परेशान छात्रों ने अपने निकट के साइबर कैफों पर अपनी डिटेल जमा करा रखी हैं। छात्रों ने आवेदन पत्र की डुप्लीकेट कॉपी में डिटेल दर्ज करते हुए फोटो कैफे संचालकों को दे दिए हैं। कैफे संचालक देर रात फॉर्म भरने की कोशिश में जुटे हैं। ब्रह्मपुरी निवासी श्वेता सिंह और जागृति विहार निवासी प्रीति शर्मा के अनुसार वे पिछले एक हफ्ते से लगातार फॉर्म भरने के लिए ट्राई कर रही हैं, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। आवेदन नहीं होने से यूपी के छात्रों को सर्वाधिक दिककतें हैं। सीटीईटी में भी यूपी के सभी बीएड स्टूडेंट आवेदन नहीं कर सके थे। आखिरी तिथि से कुछ दिन पहले ही सीटीईटी में बीएड को शामिल किया गया। आवेदन खुलते ही वेबसाइट पर दबाव बढ़ गया और छात्र आवेदन नहीं कर सके थे। ऐसे में यदि अब यूपी-टीईटी में भी आवेदन नहीं हुए तो हजारों छात्रों को परेशानी होगी।