सिर्फ आपकी आंख और त्वचा को ही नहीं दिल को भी है वायु प्रदूषण से खतरा
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चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान वायु की गुणवत्ता लोगों के लिए खतरा बनती जा रही है. यह सीधे हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है और चकत्ते और जलन की वजह हो सकती है. इसकी वजह से आंखों और नाक में पानी आ सकता है.
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि, ‘वायु में मौजूद 2.5 माइक्रोन (पीएम 2.5) से छोटे कण सीधे सांस लेने के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. इससे हमें सांस लेने में दिक्कत, खांसी बुखार और यहां तक कि घुटन महसूस होने की समस्या भी हो सकती है. हमारा नर्वस सिस्टम भी प्रभावित हो जाता है और हमें सिरदर्द और चक्कर आ सकता है. अध्ययनों में बताया गया है कि हमारे दिल को भी प्रदूषण सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाता है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. यहां तक कि रोग की गंभीरता भी बढ़ गई है. हमारी ओपीडी में हमने लगभग 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है. ये रोगी खांसी, सांस लेने में दिक्कत, छींकने, बुखार और सांस की समस्या से पीड़ित हैं. सबसे आम बीमारी जो देखने को मिली हैं, वे हैं गंभीर ब्रोंकाइटिस, अपर रिस्परेटरी ट्रैक्ट का संक्रमण और अस्थमा की उत्तेजना.’
उन्होंने ये भी कहा ‘हालांकि प्रदूषण के घातक प्रभाव से कोई भी बचा नहीं है, लेकिन आयु वर्ग के अनुसार ज्यादा पीड़ित हैं, यानि छोटे बच्चे और बुजुर्ग, आयु समूह अधिक पीड़ित है. पर्यावरण की मौजूद स्थितियों से निपटने के लिए हमें उचित सावधानी बरतनी चाहिए.’
उन्होंने कहा, ‘सांस में हानिकारक कणों को लेने से बचने के लिए खुद को विशेष रूप से अपने चेहरे को कवर करने का प्रयास करना चाहिए. स्वस्थ आहार खाएं, आवश्यक मात्रा में तरल पदार्थ लें. संक्रमण की स्थितियों को कम करने के लिए सभी कमजोर मरीजों को फ्लू और निमोनिया के टीके लगवाने चाहिए. धुंध में सुबह के व्यायाम/चलने से बचें, क्योंकि व्यायाम के दौरान हम मौजूद प्रदूषित और हानिकारक हवा को सांस से अधिक मात्रा में खींचते हैं.’