को पढ़ाने वाला कोई शिक्षक भी क्या कभी अरबपति बनने का सपना देख सकता है? आज इसका जवाब है- हां। क्योंकि, केरल के एक युवा टीचर बायजू रविंद्रन ने इसके लिए मिशाल पेश कर दी है। उन्होंने ना सिर्फ यह सपना देखा, बल्कि अपने शिक्षण कर्म से मात्र 37 साल की आयु में ही देश के नए अरबपति बन गए हैं। शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी उनकी कंपनी की वैल्यू आज 5.7 अरब डॉलर यानी 39,330 करोड़ रुपए की हो गई है।
टीचर रविंद्रन के अरबपति बनने की कहानी केरल में कन्नूर जिले के एक तटवर्ती गांव अझीकोड से शुरू होती है। उन्हें शिक्षण कर्म विरासत में मिला है। उनके माता-पिता भी स्कूल टीचर थे। बताया जाता है कि रविंद्रन का बचपन में स्कूल में मन नहीं लगता था, तो वे फुटबॉल खेलने चले जाया करते थे, लेकिन वे घर बैठकर जरूर पढ़ाई करते थे। पढ़ाई पूरी कर वे इंजीनियर बन गए।
जॉब शुरू की, लेकिन उनके अंदर का शिक्षक उन्हें शिक्षण के लिए कचोटता रहा। उसी दौरान रविंद्रन ने कुछ स्टूडेंट्स को एमबीए के लिए कोचिंग देनी शुरू कर दी। जब उनके अध्यापन के चर्चे होने लगे, तो लोगों ने उन्हें जॉब छोड़कर कोचिंग डालने की सलाह दी और यहीं से रविंद्रन की नई पारी की शुरुआत हो गई।
बायजू ने बेंगलुरु से अपनी कोचिंग की शुरुआत की थी जो देखते ही देखते 9 शहरों में फैल गई। बायजू बताते हैं कि उन्हें साल 2009 तक कोचिंग देने के लिए एक सप्ताह में 9 शहरों में ट्रेवल करना पड़ता था। उनकी क्लासेज में स्टूडेंट इतने बढ़ गए थे कि बायजू ने एक साथ हजारों छात्रों को स्टेडियम में पढ़ाना शुरू कर दिया था। वे कहते हैं कि इस तरह ऑफलाइन क्लासरूम में पढ़ाने से वे बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स तक नहीं पहुंच सकते थे। इसलिए उन्होंने ऑनलाइन वीडियो बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम शुरू करने का सोचा। रविंद्रन ने साल 2009 में ही कैट के लिए ऑनलाइन वीडियो बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम शुरू कर दिया।
बायजू ने इस प्रोग्राम में कुछ ऑनलाइन कंटेंट को फ्री रखा, तो कुछ एडवांस लेवल के लिए फीस भी रखी। इसके बाद उन्होंने 2011 में थिंक एंड लर्न कंपनी की स्थापना की और इसके 4 साल बाद यानी 2015 में बायजूस द लर्निंग एप लॉन्च कर दिया। इस एप ने तो बायजू को दूर-दूर तक फेमस कर दिया। बायजू ऐप के इस समय 3.5 करोड़ सब्सक्राइबर हैं। इनमें 24 लाख पेड यूजर हैं। ये पेड यूजर सालाना करीब 12 हजार रुपये तक फीस देते हैं।
आज इस बायजू (BYJU) ऐप के फाउंडर व सीईओ बायजू रविंद्रन अरबपति बन गए हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न ने इस महीने 15 करोड़ डॉलर की फंडिग जुटाई है। बायजू की कंपनी की वैल्यू अब 5.7 अरब डॉलर यानी 39,330 करोड़ रुपये की हो गई है।
रविंद्रन का कहना है कि वे देश के एजुकेशन सिस्टम के लिए वह काम करना चाहते हैं, जो माउस हाउस डिज्नी ने एंटरटेनमेंट क्षेत्र में किया। लर्निंग के लिए बच्चे आकर्षित हो सकें इसके लिए उन्होंने अपने ऐप में डिज्नी के सिंबा और अन्ना जैसे कैरेक्टर को भी शामिल किया है। बायजू आज उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जिन्हें पढ़ाने का शौक है, लेकिन इस क्षेत्र में पैसा कम होने से अपना शौक मार देते हैं।