सिर्फ चित्र नहीं, मैसेज है फोटोग्राफी -सशक्त सिंह
आर्यकुल में फोटोग्राफी कार्यशाला का आयोजन
लखनऊ : आर्यकुल ग्रुप ऑफ कालेज में एक दिवसीय बेसिक फोटोग्राफी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्घ्धाटन कालेज के चेयरमैन सशक्त सिंह ने द्वीप प्रज्जवलित करके किया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में फोटोग्राफी एक्सपर्ट टीवीई लंदन फैलोशिप प्राप्त रंजीत कुमार ने पत्रकारिता के छात्र-छात्राओं को फोटोग्राफी के गुण सिखाये। कार्यशाला में बोलते हुए चेयरमैन सशक्त सिंह ने कहा कि फोटोग्राफी सिर्फ चित्र नहीं होता, वह सजीव होती है, हर चित्र में कुछ न कुछ छिपा रहता है जो फोटो के चित्र में बयां होता है। इसके साथ ही फोटो पत्रकारिता के महत्व पर जोर देते हुए कई उदाहरण बताए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी पत्रकारिता संस्थान फोटोग्राफी के बिना अधूरा होता है। जिस तरह समाचार में फोटो का अपना एक अलग महत्व होता है उसी तरह किसी भी पत्रकारिता संस्थान के विकास में फोटोग्राफी की शिक्षा का एक अलग महत्व होता है। उन्होंने कहा कि आजकल सभी मोबाईल में भी कैमरा है जिसके माध्यम से हम हर तरह की फोटो ले सकते हैं। नई तकनीक ने हर व्यक्ति को कैमरा मैन बना दिया है।
कार्यशाला में बच्चों को संबोधित करते हुए रंजीत कुमार में बताया कि आज सूचना क्रांति का युग है पल भर में कोई भी चित्र एक देश से दूसरे देश में पहुुंच जाता है इसको ध्यान देने वाली बात यह है कि कोई भी चित्र या फोटो को सूचना संसाधानों के जरिये बिना देखे और समझे किसी और को नहीं भेजना चाहिए इसके साथ ही कैमरे के आविष्कार और उसके निरंतर विकास की कहानी को फोटो स्लाइड के जरिए समझाया। फोटोग्राफी के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कैमरा की तकनीकी बारीकियां बताईं। कालेज के रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता के बच्चों के लिए फोटोग्राफी की कार्यशाला बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि फोटोग्राफी एक टैक्निकल विषय है जिसमें पढ़ने साथ प्रयोग भी बहुत जरूरी है। इसके साथी ही डीन श्री आर.के. जौहरी ने कहा कि एक अच्छा फोटोग्राफर बनने के लिए बहुत ही मेहनत की जरूरत होती है। कार्यशाला में बच्चों ने फोटोग्राफी विषय ज्ञान के साथ ही पर्यावरण फोटोग्राफी पर सजीव चित्रण पर एक्सपर्ट रंजीत कुमार के साथ फोटो खीचनें का अनुभव ज्ञान लिया।
दूसरे सत्र में उन्होंने क्रिएटिव फोटोग्राफी के बारे में बताया कि कैसे एक आम तस्वीर को खास और आकर्षक बनाया जा सकता है साथ ही छात्र-छात्राओं को पिक्च्र क्वालिटी, लेंस, पिक्सल, एंगल, शटर स्पीड, ऑटो मोड, पी मोड और आईएसओ के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पहले के कैमरों में निगेटिव का वास्तविक साईज क्या होता था और आज उसका क्या रूप है। कार्यशाला के अन्त में नेहा वर्मा ने समापन सत्र की अध्यक्षता की। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते कार्यशाला की कोआर्डिनेटर अंकिता अग्रवाल ने कहा कि फोटोग्राफी एक कला है और एक निपुण फोटोग्राफर ही इस कला का सही इस्तेमाल कर सकता है। कार्यशाला में में बीजेएमसी, एमजेएमसी के छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षको में आदित्य सिंह, डा. स्तुति वर्मा, रोहित मोहन, सुश्री नीलम, सिद्वार्थ राजेन्द्र, आशुतोष यादव, धनेश प्रताप सिंह तथा दिनेश भट्ट आदि उपस्थित रहे।