अजब-गजब

सिर्फ 10 रुपए में इस हॉस्पिटल में होता हैं कैंसर का इलाज़

कैंसर एक ऐसी बिमारी हैं जिसका नाम सुनने मात्र से लोग डर जाते हैं. हालाँकि आज के जमाने में काफी हद तक कैंसर का इलाज संभव हैं. लेकिन शर्त ये हैं कि इस बिमारी के बारे में आपको जितना जल्दी हो सके पता चल जाना चाहिए. ये जितनी कम स्टेज में डिटेक्ट हो जाता हैं इसका इलाज भी उतना ही ज्यादा अच्छे से हो पाता हैं. हालाँकि कैंसर का इलाज़ करवाना हर किसी के बस की नहीं होती हैं. खासकर कि गरीब और मिडिल क्लास लोगो के लिए ये इलाज़ काफी महंगा पड़ जाता हैं. इस इलाज में इस्तेमाल होने वाली मशीने, जांचे, गोली दवाई और डॉक्टर की फीस इत्यादि चीजों का खर्चा एक आम आदमी के जेब पर बहुत भारी पड़ जाता हैं. कई बार तो सिर्फ पर्याप्त पैसे ना होने की वजह से कैंसर मरीज दम तोड़ देता हैं क्योंकि वो इतने महंगे इलाज को वहन नहीं कर सकता हैं. हालाँकि एक गरीब और मिडिल क्लास लोगो की मदद के लिए कई लोग आगे आ रहे हैं. जिसमे से एक मोदी सरकार भी हैं.

ऐसे में आज (सोमवार) को देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (National Cancer Institute) की शुरुआत होने जा रही हैं. ये संस्थान हरियाणा के झज्जर में खुला हैं. ऐसे में इसका उद्घाटन स्वयं भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी जी कर चुके हैं. मोदी जी कुरुक्षेत्र से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसकी ओपनिंग करेंगे.

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में शुरुआती स्टेज में 50 बेड की सुबिधा उपलब्ध रहेगी. लेकिन ये कोशिश की जाएगी कि साल के अंत तक इसमें 400 बेड की सुविधा रखी जा सके. वर्तमान में इस संस्तान में 80 – 100 मरीजों को OPD में देखा जा रहा हैं. मार्च से यहाँ ऑपरेशन थियेटर एवं रेडियोथेरेपी जैसी सुविधाएं भी स्टार्ट हो जाएगी. इस संसथान के निदेशक डॉक्टर जीके रथ के अनुसार 2020 तक तो यहाँ 500 बेड तक की सुविधा उपलब्ध कराने की प्लानिंग हैं. इस संसथान में कुछ मरीज दिल्ली के एम्स से भी लाए गए हैं.

इस नई तकनीक से होगा इलाज

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में कैंसर के ट्यूमर को खात्म करने के लिए प्रोटोन थैरेपी तकनीक भी उपलब्ध हैं. इस तकनीक में एक प्रोटोन बीम के जरिये मरीजों के कैंसर को नष्ट करने की कोशिश की जाती हैं. इस प्रक्रिया में अत्याधुनिक मशीनों की आवश्यकता होगी जिसका आर्डर भी दिया जा चूका हैं. आपको जान हैरानी होगी कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इस तरह की मशीनों से होने वाला इलाज का खर्चा 20 से 25 लाख रुपए तक चला जाता हैं. हालाँकि झज्जर के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में इसकी फीस मात्र 10 रुपए होगी. ये ओपीडी चार्जेस हैं. वैसे बता दे कि इसके ओपीडी की शुरुआत लास्ट महीने ही हो गई थी जिसमे एम्स से रेफेर किए गए मरीज लाए जा रहे हैं.

प्रोटोन थैरेपी वाली इस नई तकनीक की ख़ास विशेषता ये हैं कि इसके जरिये कैंसर मरीजों की कैंसर से ग्रस्त कोशिकाओं को ही निशाना बनाकर नष्ट किया जाता हैं. इसकी रेडियेशन से उसके आसपास की स्वास्थ कोशिकाओं को नुकसान नहीं होता हैं.

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