सिर पर है परीक्षा, छात्रों को कॉलेज के बजाय पीएम की रैली में जाने का ‘फरमान’
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कॉलेजों के प्रशासन को कहा गया कि वे बस का इंतजाम करें, साथ ही यह सुनिश्चित करें कि स्टूडेंट्स के साथ एक अध्यापक भी हो. 7 अप्रैल को असिस्टेंट कमिश्नर मोहिनी श्रीवास्तव के दस्तखत वाला यह आदेश जारी हुआ है.
इस आदेश से कॉलेज प्रशासन परेशान है, क्योंकि इनमें से कई कॉलेजों के पास गाडियां नहीं हैं. इसके अलावा, कुछ कॉलेजों में परिक्षा में परीक्षाएं चल रही हैं, जिसके वजय से स्टूडेंट्स का इस रैली में हिस्सा लेना मुश्किल है.
कांग्रेस ने इस आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी रैली के लिए भीड़ जुटाने मे नाकाम रही है.
वहीं, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि स्टूडेंट्स वहां सिर्फ वॉलंटियर के तौर पर शरीक होंगे. मोहिनी श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों ने खुद स्टूडेंट्स भेजने की पहल की है. उन्हें इस तरह की रैली का एक्सपोजर कहां मिलेगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करने वाले हों. हम उन्हें सर्टिफिकेट देंगे.
श्रीवास्तव के मुताबिक, मुख्य आयोजन स्थल पर बहुत सारे वॉलंटियर्स की जरूरत होगी. कुछ जगहों पर खाना और पानी भी दिया जाएगा.
श्रीवास्तव ने कहा कि हम सिर्फ श्रद्धालु चाहते हैं. जो आने में दिलचस्पी रखते हैं, वे ही आएंगे. अगर वे ऐसा नहीं करना चाहते तो ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. अफसर ने यह भी कहा कि उन्हें याद नहीं कि इस तरह का आदेश पहले भी कभी दिया गया है या नहीं.
वहीं, एडिशनल डायरेक्टर (हायर एजुकेशन) डॉ आरएस वर्मा ने कहा कि सरकारी और उनसे संबंध कॉलेजों में एनसीसी और एनएसएस में रजिस्टर्ड छात्रों को ही वॉलंटियर बनने कहा जाएगा.
वर्मा ने कहा कि बहुत सारी संस्थाओं के पास गाडियां नहीं हैं, लेकिन वे वेन्यू पर 400 स्टूडेंट्स का पहुंचना सुनिश्चित करेंगे. अन्य सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इंदौर से 30 किमी दूर इस वेन्यू में लाखों लोग इकट्ठा होंगे. पुलिस की मदद के लिए स्टूडेंट्स वॉलंटियर्स जरूरी हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि इस तरह का आदेश इससे पहले कभी जारी नहीं किया गया. मिश्रा ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी को कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ जुटने की उम्मीद नहीं है इसलिए वे स्टूडेंट्स को जबरन बुला रहे हैं. मिश्रा के मुताबिक, यह मोदी की घटती लोकप्रियता की निशानी है.