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नई दिल्ली: नेटवर्क उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनी सिस्को सिस्टम जल्द ही करीब 14000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी जो कि कंपनी के ग्लोबल वर्कफोर्स का लगभग 20 फीसदी है. एक टेक्नोलॉजी न्यूजसाइट सीआरएन ने कंपनी से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कैलिफोर्निया के सैन जोस की कंपनी सिस्को आगामी कुछ हफ्तों में छंटनी की घोषणा कर सकती है. इसकी वजह कंपनी का खुद को हार्डवेयर से सॉफ्टवेयर सेंट्रिक ऑर्गनाइजेशन में तब्दील करना बताया जा रहा है. इस साल छंटनी का ऐलान करने वाली सिस्को दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी है. इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट और एचपी इंक भी छंटनी का ऐलान कर चुकी हैं.
माइक्रोसॉफ्ट और एचपी इंक पहले ही कर चुकी हैं छंटनी का ऐलान
माइक्रोसॉफ्ट ने जुलाई में कहा था कि कंपनी अगले 12 महीने में 2,850 जॉब्स खत्म करेगी, जिसे आगे बढ़ाकर 4,700 तक ले जाने की योजना है. यह छंटनी उसकी कुल वर्कफोर्स के 4 फीसदी के बराबर है. इससे पहले फरवरी में एचपी इंक ने कहा था कि वह 2016 के अंत तक 3,000 जॉब्स में कटौती करेगी. 30 अप्रैल तक कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 70 हजार से ज्यादा थी. हालांकि सिस्को ने इस रिपोर्ट पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
खर्च को कम करने की कवायद
रिपोर्ट के मुताबिक, सिस्को को ‘सॉफ्टवेयर-डिफाइंड फ्यूचर’ के लिए ‘अलग स्किल वाले सेट्स’ की ज्यादा जरूरत है, क्योंकि कंपनी लगातार अपना मार्केट शेयर और मार्जिन बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है. सिस्को लगातार अपने डेटा सेंटर्स के लिए डेटा एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर और क्लाउड बेस्ड टूल्स जैसे नए प्रोडक्ट्स में निवेश कर रही है, जिससे टेलिकॉम कैरियर्स द्वारा खर्च में कमी के असर को कम किया जा सके. सीआरएन की रिपोर्ट के मुताबिक सिस्को पहले ही अपने कर्मचारियों को जल्दी रिटायरमेंट पैकेज की पेशकश कर चुकी है.
मंगलवार को नैस्डेक में सिस्को कंपनी का शेयर 31.12 डॉलर पर बंद हुआ था. डाउजोंस के तकनीकी हार्डवेयर एवं इक्विपमेंट सूचकांक में 10.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के मुकाबले इस वर्ष कंपनी के स्टॉक में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है.