सीएम का सचिव बन पुलिस को ऐसे ठगता था ये शख्स
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सचिव बनकर पिछले कई महीनों से एक जालसाज पुलिस अफसरों को फोन करके धमकाता था। पुलिस अधिकारियों से रुपये वसूलता था।
उनका ट्रांसफर कराने की बात कहकर अब तक उसने एक दर्जन से अधिक फर्जी मुकदमे तक दर्ज करवा डाले। कई मामलों में उसकी वजह से पुलिस की जांच तक प्रभावित हो गई। मगर एक गलती ने उसे पकड़वा दिया।
एसओ चिनहट शशिशेखर यादव ने बताया कि पकड़े गये जालसाज का नाम संत राम वर्मा है। वह मूल रूप से लखीमपुर खीरी के धौरहरा नयागांव का रहने वाला है। यहां चिनहट में कठौता झील के पास अस्थाई रूप से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहता था।
संतराम तीसरी फेल है और मजदूरी करता है। संतराम अपने ममेरे भाई संदीप कुमार के मोबाइल नंबर से पुलिस अधिकारियों को फोन करवाता था। इसके बाद संतराम खुद प्रतिनिधि बनकर थाने पर जाता था और दबाव में लेकर रौब गांठता था।
इसके बाद वह कहता था कि उसका नौकर संत राम वर्मा बहुत गरीब है। उसकी कुछ मदद कर देना। इसके बाद संत राम थाने पर पहुंचता था। चिनहट एसओ से संत राम ने मोबाइल फोन लिया। दो बार कैश ले गया। इसी तरह शहर के अन्य थानेदारों से भी उसने वसूली की।
21 दिसंबर को आईजी जोन जकी अहमद के नंबर पर सीधे फोन करके जालसाज संदीप कुमार ने सचिव बनकर रौब गांठा और अपना नाम शंभू यादव बताया। शंभू यादव सीएम के ओएसडी हैं। इसके बाद उसने आईजी जोन से कहा कि लखीमपुर एसपी से बोलो वह मेरे इस नंबर पर फोन करके बात करे।
आईजी ने लखीमपुर के एसपी तक यह संदेशा भिजवाया। वहां एसपी कार्यालय में तैनात पुलिस कर्मी ने ओएसडी के नंबर पर फोन मिलाया तो पता चला कि उन्होंने इस तरह की कोई पैरवी नहीं की और न ही बात करने को कहा। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो उसका भांडा फूट गया।
उसकी कॉल डिटेल देख अधिकारी भी चौंक गए। उसने अपने नंबर से कई बार बड़े अधिकारियों और शहरभर के कई थानों के पुलिस अधिकारियों से बात की। यही नहीं उसने सीतापुर कोतवाल सहित लखनऊ के लगभग सभी थानेथारों अधिकारियों से बात की थी।