सपा के विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह ने बुधवार को पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर उनसे अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की गुहार लगाई है। उन्होंने सपा सुप्रीमों से पार्टी के संरक्षक की भूमिका निभाने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि शिवपाल सिंह यादव मुख्यमंत्री से ईर्ष्या रखते हैं। वह सीएम की सौतेली मां का राजनीतिक चेहरा हैं।
उनका कहना है कि पारिवारिक दवाब, षडयंत्र और एकतरफा सूचनाओं की वजह से सपा मुखिया का अखिलेश के प्रति सौतेला व्यवहार है। समाजवादी युवजन सभा व छात्र सभा के राष्ट्रीय सचिव रह चुके उदयवीर सिंह स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की मैनपुरी, एटा, मथुरा सीट से एमएलसी हैं। वह सीएम अखिलेश यादव के नजदीकी माने जाते हैं।
उन्होंने मुलायम को लिखे पत्र में कहा है कि सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने जो आरोप लगाकर सात युवा नेताओं को निष्कासन किया है, वे पूरी तरह असत्य, मनगढ़ंत और गुमराह करने वाले हैं। ये कुछ साजिश कर्ताओं की क्षुद्र मानसिकता की उपज हैं । शिवपाल का यह फैसला पूरी तरह अन्यायपूर्ण और पार्टी के मूल सिद्धांतों के विपरीत है।
अनुशासनहीनता तो शिवपाल ने की
उदयवीर ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्तार अंसारी के प्रबल पैरोकार शिवपाल यादव ने इटावा, मैनपुरी के सपा नेताओं पर जमीन कब्जाने, अवैध शराब का काम करने के आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई न होने पर सार्वजनिक रूप से इस्तीफे की धमकी दे डाली। यह घोर अनुशासनहीनता है। इसे संज्ञान में लेने की बजाय आपने इसे प्रोत्साहित किया।
उदयवीर ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्तार अंसारी के प्रबल पैरोकार शिवपाल यादव ने इटावा, मैनपुरी के सपा नेताओं पर जमीन कब्जाने, अवैध शराब का काम करने के आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई न होने पर सार्वजनिक रूप से इस्तीफे की धमकी दे डाली। यह घोर अनुशासनहीनता है। इसे संज्ञान में लेने की बजाय आपने इसे प्रोत्साहित किया।
15 अगस्त को आपने कहा, ‘शिवपाल और मैं अलग हो जाएंगे तो पार्टी की ऐसी की तैसी हो जाएगी।’ इसके बाद एटा के विधायक और जिलाध्यक्ष ने रामगोपाल यादव पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की लेकिन आपने संज्ञान नहीं लिया। शिवपाल के आवास के बाहर सीएम और रामगोपाल यादव के खिलाफ अमर्यादित नारेबाजी की गई, लेकिन आपने कार्रवाई नहीं की और युवा नेताओं पर एकतरफा कार्रवाई कर दी गई।