सीएम के घर चोरी, निकलने लगा शिमला पुलिस का दम
महल में बीतों दिनों में कौन-कौन बाहरी लोग आए, इस बारे में पता लगाया जा रहा है। जिला शिमला के शातिर चोरों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। थाने के हिस्ट्रीशीटरों की लोकेशन भी ट्रेस की जा रही है। प्रदेश के सभी पुलिस नाकों पर चोरी के सामान का विवरण भेजा गया है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध गाड़ी या व्यक्ति को तलाशी के बाद ही आगे जाने दिया जाए।
इसलिए कामयाब हुए चोर
शांति कुंज महल में पुलिस सिक्योरिटी न होने की वजह से चोर कामयाब हो गए। इससे इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा है कि चोर इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ थे कि वहां पुलिस नहीं है और महल का मैनेजर भी मौजूद नहीं है। वहां केवल एक चौकीदार और उसकी पत्नी ही है। जानकारी के बाद ही चोर महल में दाखिल हुए। एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी ने कहा कि चोरों को जल्द से जल्द पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
एएसपी की अगुवाई में एसआईटी गठित
शिमला। मुख्यमंत्री के महल शांतिकुंज में चोरी के मामले में पुलिस प्रशासन ने स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम का गठन किया है। इसमें एएसपी (ग्रामीण) को इंचार्ज बनाया गया है। टीम में डीएसपी रामपुर, डीएसपी ठियोग, एसएचओ रामपुर, झाकड़ी और सराहन पुलिस चौकी प्रभारी टेक्निकल विंग के अधिकारी को शामिल किया है। एसपी शिमला भी देर शाम सराहन पहुंचे। उन्होंने नवनियुक्त एसआईटी की बैठक ली और जरूरी दिशा निर्देश जारी किए। एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने कहा कि एसआईटी का गठन कर दिया गया है।
पुलिस ने की छापेमारी
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सराहन स्थित पुश्तैनी महल शांतिकुंज में चोरी के मामले में पुलिस के हाथ अभी तक कुछ नहीं लगा है। पुलिस 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है। कई संदिग्ध जगहों पर छापामारी की गई है। महल के साथ रहने वाले प्रवासी मजदूरों के घरों की तलाशी ली गई है। पुलिस की कुछ टोलियां महल के साथ सेब बगीचों और जंगल में चोरी के सामान को खोजती रहीं। नाके लगाकर गाड़ियों की तलाशी भी ली गई, लेकिन मिला कुछ नहीं। जुन्गा से पहुंची फोरेंसिक टीम ने भी कई जगह से नमूने लिए हैं।