उत्तराखंडराज्य

सीएम धामी ने उधम सिंह नगर में शहीदों को दी श्रदांजलि, लोगों ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत

देहरादून: उधम सिंह नगर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का काफिला आज सुबह पंतनगर से नगला पहुंचा. इससे पहले सीएम धामी ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान उन्होंने खुद भी कुछ दूरी तक साइकिल चलाई. जिसके बाद वो शान्तिपुरी गेट, आनन्दपुर गेट होते हुए शहीद देव बहादुर स्मृति द्वार पहुंचे. जहा उन्होंने द्वारा का लोकार्पण किया. इसके बाद मुख्यमंत्री नारायण पुर तिराहे पर बने शहीद स्मारक पहुंचे जहां उन्होंने शहीदों को श्रदांजलि दी.

बता दें कि, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय दौरे पर उधम सिंह नगर पहुंचे हैं. जहां पर उन्होंने कल जिला मुख्यालय रुद्रपुर में रोड शो के साथ ही कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी तो वहीं आज सीएम धामी पंतनगर से खटीमा के लिए रवाना हुए. सीएम धामी पंतनगर स्थित नगला क्षेत्र में पहुंचे जहां पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया. इस दौरान सीएम धामी ने क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगला वासियों के घरों पर जो उजड़ने की तलवार लटकी है, सरकार उसका समाधान निकलेगी. उन्होंने कहा कि न्यायलय का सम्मान भी किया जाएगा, साथ ही लोगों को राहत भी दी जाएगी. इसके लिए उनकी तरफ से मुख्य सचिव को भी बताया गया है.

संबोधन के बाद सीएम धामी का रोड शो शुरू हुआ. सीएम का रोड शो शान्तिपुरी गेट, आनन्दपुर गेट सहित विभिन्न स्थानों से गुजरा. लोगों की तरफ से पुष्कर सिंह धामी का जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली के माध्यम से आगे चलकर उनका स्वागत किया गया. सीएम ने शहीद देव बहादुर थापा के गांव में बने स्मृति द्वार का लोकार्पण भी किया. इस दौरान उन्होंने शहीद के गांव में बने विद्यालय का नाम शहीद देव बहादुर के नाम से रखने की घोषणा की.

इसके बाद सीएम धामी नारायणपुर शहीद स्मारक पर पहुंचे जहां पर उन्होंने शहीदों को श्रदांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया. जिसके बाद उनका काफिला लालपुर होते हुए टोल प्लाजा फिर किच्छा शहर पहुंचा. जहां पर स्थानीय लोगों और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उनका ढोल, नगाड़ों और फूल-मालाओं से स्वागत किया. मुख्यमंत्री के स्वागत में स्थानीय उत्तराखंड की संस्कृति को दर्शाने वाला छोलीया नृत्य भी किया गया.

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