सीएम ने कहा शिक्षामित्र के भविष्य पर विचार कर रही सरकार
दस्तक टाइम्स /एजेंसी
लखनऊ. हाईकोर्ट का फैसला आने का बाद यूपी में शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं। बुधवार को सीएम अखिलेश यादव ने इसपर कहा कि शिक्षामित्रों को नौकरी देने के लिए ही सरकार ने उनका समायोजन किया था। हाईकोर्ट ने इसे कैंसिल कर दिया है। हमारी सरकार कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है। शिक्षामित्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है। हमारी सरकार उनके भविष्य पर विचार कर रही है। अगर दूसरे राज्य में बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया है, तो उसे यूपी में भी लागू किया जाएगा।सीएम ने ये बातें अलीगंज स्थित ललित कला एकेडमी में एक एग्जीबिशन के उद्घाटन के दौरान कही। सीएम ने यहां पर फोटो गैलरी भी देखी और फोटोग्राफरों की तारीफ भी की। उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए, ताकि लोगों की रचनात्मक चीजें बाहर निकल कर आए।हाईकोर्ट से शिक्षामित्रों का एडजस्टमेंट कैंसिल होने का ऑर्डर आने के बाद यूपी के शिक्षामित्रों में काफी आक्रोश है। सोमवार को शिक्षामित्रों ने प्राइमरी स्कूलों को जबरन बंद करा दिया और जमकर नारेबाजी की। कई स्कूलों में शिक्षामित्रों ने टेबल-कुर्सियां भी तोड़ दी। ऐसे में बवाल को देखते हुए टीचर स्कूल गेट में ताला जड़कर भाग गए। प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों का कहना है कि उनके साथ अन्याय हुआ है और जब तक न्याय नहीं मिलता स्कूल बंद रहेंगे। शिक्षामित्रों ने हाइवे और रेलवे ट्रैक जाम करने की भी धमकी दी है। इतना ही नही शिक्षामित्र पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे पर बनारस में भी प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।कन्नौज: यहां प्राइमरी स्कूल जनखत में तैनात शिक्षामित्र बाबू सिंह ने फांसी लगाकर सुसाइड किया।
गाजीपुर: शिक्षामित्र ने सल्फास खाकर की खुदकुशी।
लखीमपुर खीरी: फूलबेहड़ ब्लॉक के शिक्षामित्र ने जहर खाकर की आत्महत्या।
बस्ती: यहां के भानपुर में एक शिक्षामित्र को कोर्ट के फैसले के बाद सदमा लगा। दिमाग की नस फटने से मौत हुई।
एटा: शिक्षामित्र महिपाल सिंह ने खुद को गोली मारकर दी जान।
मिर्जापुर: यहां एक शिक्षामित्र ने फंदे से लटककर की आत्महत्या।
बहराइच: चित्तौरा के जानीजोत गांव में खबर पता चलने पर शिक्षामित्र पूनम देवी की हार्टअटैक से मौत हो गई।
शाहजहांपुर: महिला शिक्षामित्र निर्मला को पड़ा दिल का दौरा, हालत गंभीर।
क्या है हाईकोर्ट का फैसला?
उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में तैनात एक लाख 75 हजार शिक्षामित्र टीचरों का अप्वाइंटमेंट हाईकोर्ट ने कैंसिल कर दिया है। हाईकोर्ट में शनिवार को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की डिविजन बेंच ने यह ऑर्डर दिया। चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस यशवंत वर्मा बेंच के जज थे। इनके अप्वाइंटमेंट का आदेश बीएसए ने साल 2014 में जारी किया था।शिक्षामित्रों को अप्वाइंट करने को लेकर वकीलों ने कहा था कि इनकी भर्ती अवैध रूप से हुई है। जजों ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्रों की तैनाती बरकरार रखने और उन्हें असिस्टेंट टीचर के रूप में एडजस्ट करने के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के वकीलों की कई दिन तक दलीलें सुनीं।हाईकोर्ट ने कहा, ”चूंकि ये टीईटी पास नहीं हैं, इसलिए असिस्टेंट टीचर के पदों पर इन्हें अप्वॉइंट नहीं किया जा सकता।” शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने नियम बनाकर इन्हें एडस्ट करने का फैसला लिया है। इसलिए इनके अप्वाइंटमेंट में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है। यह भी कहा गया कि शिक्षामित्रों का सिलेक्शन प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी दूर करने के लिए किया गया है।