झारखण्डराज्य

सरकार के निर्णय से घर के खरीदारों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ, रियल स्टेट बिजनेस होगा प्रभावित

फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के 1 अगस्त से शहरी क्षेत्रों में जमीन और फ्लैटों की कीमतों में बढ़ोत्तरी करने के निर्णय पर चिंता जताई है। चैंबर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। चैंबर ने कहा है कि शहरी क्षेत्र की जमीनों और फ्लैटों की कीमतों में बढ़ोत्तरी से अपने घर का सपना देखने वालों को कोरोना काल में अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।

चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना की चुनौतियों से निबटने के बाद अब शुरू हुई आर्थिक गतिविधियों से जनजीवन वापस पटरी पर लौटता दिख रहा है। पर, लोग भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, ऐसे में जमीन-फ्लैटों की कीमतों में 10 प्रतिशत वृद्धि उनकी चिंता को और बढ़ा देगी। रियल एस्टेट सेक्टर पिछले वर्ष मार्च से अभी तक प्रभावित है। रजिस्ट्री ऑफिस भी समय-समय पर बंद रहा है, इस कारण लोग पहले रजिस्ट्री नहीं करा पाए। अब रेट बढ़ने से उनपर अतिरिक्त अधिभार आएगा।

दिल्ली सरकार ने 20 % घटाए जमीन-फ्लैट्स के भाव

चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सर्किल रेट में वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है। फरवरी में दिल्ली सरकार ने भी रियल एस्टेट सेक्टर को गति देने के लिए अहले छह महीने तक सभी श्रेणी की संपत्तियों के लिए सर्किल रेट में 20 प्रतिशत की कमी कर दी है। वर्तमान स्थिति में झारखंड में भी इस वर्ष प्रस्तावित सर्किल रेट में वृद्धि नहीं करनी चाहिए।

 

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