सीबीआई कस्टडी में मौत, आएगी मानवाधिकार आयोग की टीम
रायपुर, ब्यूरो। उमेश राजपूत हत्याकांड के संदेही शिव कुमार वैष्णव की मौत की जांच करने इसी हफ्ते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम दिल्ली से आएगी। पीड़ित परिजनों को इसकी जानकारी दी गई है। शिव ने सीबीआई कस्टडी में फांसी लगाई थी, जिसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। हत्याकांड में सह आरोपी शिव का बेटा विकास वैष्णव जेल में बंद है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक दिन के पैरोल पर 13 अक्टूबर को विकास की जेल से रिहाई होने पर उससे विस्तृत पूछताछ की जाएगी। गौरतलब है कि विकास ने आरोप लगाया है कि तीन दिन के रिमांड पर रखने के दौरान सीबीआई अधिकारी उसे और उसके पिता को छत पर ले जाकर पीटते थे। इसके बाद दोनों को कमरा नंबर 203 में दो आरक्षकों के साथ छोड़ दिया जाता था।
सिटकनी गायब, पाइप को मोड़ा अफसरों ने शिव के भाई नंदकुमार वैष्णव ने नईदुनिया को बताया कि जिस तौलिए से शिव ने फांसी लगाई, उसे गायब कर दिया गया है। जिस कमरे में फांसी लगाना बताया जा रहा है, उसके दरवाजे की सिटकनी भी गायब है। चौखट में लगा सिटकनी का हिस्सा भी स्क्रू समेत गायब है। उसने आरोप लगाया कि जिस पाइप के सहारे फांसी पर लटकना बताया जा रहा है, उस पाइप को सीबीआई के अधिकारी ने अपने हाथों से मोड़कर हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की है। विकास को अधिकारियों ने धमकाया है कि उमेश की हत्या करना कबूल कर लो, नहीं तो पिता की तरह तुम्हारा भी हाल कर देंगे।
विकास की मौजूदगी में होगी घटनास्थल की जांच
नंदकुमार ने बताया कि पिछले हफ्ते मंगलवार को शिव की अस्पताल में मौत के बाद परिवार के पांच लोगों को कोतवाली पुलिस ट्रांजिट मेस के उस सीलबंद कमरे में लेकर गई थी, जहां पर घटना हुई। कमरे का मुआयना कराकर सभी के बयान दर्ज किए गए।
फोन पर धमकी भी मिली
नंदकुमार ने बताया कि शिव की दूसरी पत्नी माया बंसल की बड़ी बहन तेजस्वनी ने पति की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा मचाया था। सोमवार की रात 8.30 बजे उसके मोबाइल पर किसी हमीद नाम के शख्स ने कॉल करके धमकी दी कि मामले को लेकर ज्यादा हल्ला मत करो, अन्यथा अंजाम बुरा होगा। तेजस्वनी इसकी शिकायत थाने में करने वाली है।