सीबीआई के अपर निदेशक की नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका
लखनऊ । केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के अपर निदेशक पद पर तमिलनाडु कैडर की आईपीएस अधिकारी अर्चना रामसुंदरम की नियुक्ति के खिलाफ गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में जनहित याचिका दायर की गई। लखनऊ स्थित सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की तरफ से यह जनहित यचिका दायर की गई है। याचिका में ठाकुर ने कहा है कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम 1946 की धारा 4ए तथा 4सी में यह बाध्यता है कि सीबीआई में पुलिस अधीक्षक(एसपी) से ऊपर के पद की सभी नियुक्तियां केंद्रीय मुख्य सतर्कता आयुक्त(सीवीसी) की अध्यक्षता वाली समिति के अनुमोदन के उपरांत ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस विधिक बाध्यता के विपरीत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आईपीएस अर्चना को इस वैधानिक समिति के अनुमोदन के बगैर ही सीबीआई में अपर निदेशक के पद पर नियुक्त कर दिया। ठाकुर ने कहा कि चूंकि सीबीआई का अतिरिक्त निदेशक पूरे देश के भ्रष्टाचार विरोधी कार्यों का पर्यवेक्षण करता है लिहाजा यह नियुक्ति अवैधानिक तथा व्यापक जनहित के विपरीत है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए।