सीबीआई जांच बन गई सपा के गले की हड्डी ; निर्मल खत्री
लखनऊ. कभी भाजपा को यूपी में अपना दुश्मन नंबर एक बताने वाले सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने केंद्र में भाजपा के समर्थन में बयान देकर अपनी ही पार्टी की नीति को चुनौती दे डाली है। वह भाजपा की कथनी और करनी में फर्क तो हमेशा दर्शाते रहे हैं, लेकिन संसद में गतिरोध के मसले पर भाजपा के पक्ष में कांग्रेस को खरी-खोटी सुनाकर उन्होंने सपा को भाजपा के साथ खड़ा कर दिया है।मोदी सरकार में उनकी कोई नस दबी हुई है, वरना 2017 में यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी सपा को ‘घोर सांप्रदायिक पार्टी’ से नजदीकी दिखाने की क्या आवश्यकता आ गई?मुलायम का कांग्रेस को अल्टीमेटम- बंद करो सरकार का विरोध, वरना नहीं देंगे साथहार का दर्दः मुलायम ने अखिलेश और SP नेताओं से कहा- आपने मुझे कहीं का नहीं छोड़ाने पूरे दस साल तक सपा को अपना समर्थन लेने पर मजबूर कर दिया था। क्या अब नोएडा के चीफ इंजीनियर यादव सिंह के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच मुलायम के गले की हड्डी बन गई है? यादव सिंह के मामले पर यूपी सरकार के ढुलमुल रुख और उनको बचाने का प्रयास भी सबकेसामने है।सरकार ने एक कदम आगे जाकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करके सीबीआई जांच का विरोध करके अपनी कमजोरी उजागर कर दी है। जानकारों का कहना है कि यादव सिंह मामले का जिन्न सरकार के शीर्ष स्तरीय अनेक लोगों को अपनी लपेट में ले सकता है। सपा प्रमुख 2017 के चुनाव के मद्देनजर यह बिलकुल भी नहीं चाहते हैं।इस बाबत यूपीसीसी अध्यक्ष निर्मल खत्री ने कहा है कि कांग्रेस मानसून सत्र के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रही थी। ऐसे में मुलायम सिंह यादव का बयान उनका भय और भाजपा प्रेम दर्शाता है। भविष्य की राजनीति में यह मुलायम सिंह को बहुत महंगा पड़ेगा।