सीबीएसई पेपर लीक मामला : आज भी छात्र कर रहे हैं विरोध-प्रदर्शन
नई दिल्ली : सीबीएसई के 10वीं कक्षा के गणित और 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय की दोबारा परीक्षा की घोषणा के खिलाफ गुस्साए सैकड़ों छात्र-छात्राओं का जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन आज भी जारी है। विद्यार्थियों के साथ भारी तादाद में अभिभावक भी हैं। सीबीएसई की इस साल की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुल 28 लाख छात्र पंजीकृत हुए थे। इनमें कक्षा 12 की अर्थशास्त्र की परीक्षा के लिए लगभग पांच लाख और कक्षा 10 की गणित की परीक्षा के लिए लगभग 16 लाख छात्र पंजीकृत हुए थे। 289958 छात्र-छात्राएं दिल्ली के हैं 10वीं की परीक्षा देने वाले, 250736 छात्र-छात्राएं दिल्ली के हैं 12वीं की परीक्षा देने वाले, 744 परीक्षा केंद्र हैं दिल्ली में कक्षा 10 के लिए और 733 परीक्षा केंद्र हैं 12वीं कक्षा के लिए।
छात्र-छात्राएं मांग कर रहे हैं कि अगर दोबारा परीक्षा होती है तो यह सभी विषयों की होनी चाहिए। गुरुवार को हाथों में तख्तियां थामे इन छात्रों ने बताया कि दोबारा परीक्षा की खबर के बाद उन्हें बहुत तनाव का सामना करना पड़ा।
कई छात्रों ने दावा किया कि परीक्षाओं से एक दिन पहले ही लगभग सभी प्रश्नपत्र लीक हो गए थे और उन्होंने मांग की कि अगर दोबारा परीक्षा होती है तो यह सभी विषयों की होनी चाहिए। दसवीं कक्षा की छात्रा भाविका यादव ने कहा कि हम दोबारा परीक्षा की खबर सुनकर हैरान थे। अगर कुछ छात्रों को परीक्षा से पहले लीक प्रश्नपत्र मिल गया तो इसके लिए हम परेशान क्यों हों? उनकी दोस्त ओजस्वी ने कहा कि हम सत्र की शुरुआत से दबाव में थे। हम परीक्षा देकर राहत महसूस कर रहे थे लेकिन हमने केवल डेढ घंटे ही राहत की सांस ली। बाद में हमें विभिन्न समाचार चैनलों से पता चला कि हमें दोबारा परीक्षा में बैठना है, जिसका मतलब यह हुआ कि हमें फिर से पूरा पाठ्यक्रम पढ़ना है।
वहीं, एक अन्य छात्र ने कहा कि यह असंभव है कि बोर्ड को लीक की जानकारी नहीं थी। उन्हें पेपर सुबह ही रद्द कर देना चाहिए था। दिल्ली में निजी कोचिंग सेंटर चलाने वाले रोहित मोगा ने कहा कि पुन: परीक्षा बारहवीं कक्षा के छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बनाएगी, क्योंकि वे इंजीनियरिंग, मेडिकल और विधि जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी में व्यस्त हैं। रोहित ने कहा कि मेरे कई छात्रों ने परीक्षा से एक दिन पहले अर्थशास्त्र का लीक पेपर भेजा था, लेकिन मैंने उनसे कहा कि ये केवल अफवाहें हैं, इन पर भरोसा मत कीजिए। ऐसा लगता है कि वे अफवाह नहीं सच्चाई थी।