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सीमा विवाद अमित शाह की एंट्री से सुलझेगा, मिजोरम पड़ा नरम, असम सीएम के खिलाफ FIR वापस लेने को तैयार

नई दिल्ली: बीते एक हफ्ते से असम के साथ जारी तनाव के बीच मिजोरम के तेवर थोड़े नरम पड़ते दिख रहे हैं। सीमा पर खूनी संघर्ष के बाद से तनावपूर्ण माहौल के बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने जहां कहा है कि दोनों राज्य अब बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाएंगे तो वहीं उनके मुख्य सचिव ने बताया है कि मिजोरम अब असम के सीएम हिमंत बिस्वा के खिलाफ दायर एफआईआर को भी वापस लेने को तैयार। खुद गृह मंत्री अमित शाह इस मामले को लेकर लगातार सक्रिय दिखे हैं।

ऐसे में अब दोनों राज्यों के बीच शांति बहाली की उम्मीदें की जा रही हैं। मिजोरम के चीफ सेक्रटरी लालननमाविया चुआंगो ने रविवार को बताया कि राज्य सरकार असम चीफ मिनिस्टर के खिलाफ दायर एफआईआर को वापस लेने को राजी है। उन्होंने यह भी बताया कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा भी सरमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के खिलाफ थे। उन्होंने कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री ने भी असम के सीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने को मंजूरी नहीं दी थी। उन्होंने हमें सलाह दी थी कि इस मसले को देखें।’

चुआंगो ने कहा कि वह इस मसले पर संबंधित पुलिस अधिकारियों से बात करेंगे और अगर कोई कानूनी वैधता नहीं मिलती है तो असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर को वापस लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि असम के 6 शीर्ष अधिकारियों और 200 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लिया जाएगा या नहीं। दूसरी तरफ, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा के ट्वीट से संकेत मिल रहे हैं कि गृह मंत्री के दखल के बाद दोनों राज्यों के बीच बात बन सकती है।

मिजोरम सीएम ने बताया है कि अमित शाह से फोन पर हुई बातचीत के बाद असम के साथ विवाद को वार्ता के जरिए सुलझाया जाएगा। उन्होंने मिजोरम के लोगों से अपील की वे विवाद को आगे बढ़ाने से बचें। सीएम जोरामथांगा ने रविवार को ट्वीट किया, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर हुई बातचीत के बाद हम मिजोरम-असम सीमा विवाद को सार्थक वार्ता के जरिए सुलझाने को तैयार हो गए हैं।’ इसके बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव कम करने के लिए एक बार फिर से नए दौर की वार्ता शुरू हो गई है।

बता दें कि असम और मिजोरम के बीच बीते हफ्ते 26 जुलाई को सीमा विवाद इतना बढ़ गया कि गोलीबारी तक हो गई। इसमें असम पुलिस के 6 जवान मारे गए और एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। इतना ही नहीं तनातनी इतनी बढ़ गई कि मिजोरम ने इस वारदात को लेकर दायर की गई अपनी एफआईआर में असम के मुख्यमंत्री और अन्य शीर्ष अधिकारियों तक का नाम दे दिया। मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) जॉन एन ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास और आपराधिक साजिश समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

असम पुलिस के 200 अज्ञात कर्मियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किये गए हैं। दूसरी तरफ असम सरकार ने लोगों को यात्रा परामर्श जारी करके राज्य के लोगों से अशांत परिस्थितियों के मद्देनजर मिजोरम की यात्रा से बचने और वहां काम करने वाले और रहनेवाले राज्य के लोगों से अत्यंत सावधानी बरतने को कहा। किसी भी राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया इस तरह का यह शायद पहला परामर्श है।

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