सीरिया में हुआ रासायनिक हमला, रूस के खिलाफ अमेरिका हुआ आक्रामक
अमेरिका ने कहा है कि सीरिया के डूमा में हुए कथित रासायनिक हमले के कसूरवारों को कड़ा जवाब दिया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि इस घटना का कड़ा जवाब दिया जाएगा और अमेरिका के पास कई सारे सैन्य विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि इन पर ‘आज रात’ या ‘शीघ्र’ फैसला लिया जा सकता है। ट्रंप ने कहा कि शनिवार को डूमा में जो घटना हुई उसके लिए कौन जिम्मेदार है, इस पर अमेरिका ‘स्पष्टता’ चाह रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस घटना को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां से सोमवार शाम बात की और दोनों ही नेताओं ने एक ‘मजबूत प्रतिक्रिया’ को लेकर इच्छा व्यक्त की है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और रूस ने एक दूसरे पर जमकर हमले किए। रूस के प्रतिनिधि वासिली नेबेंजिया ने कहा कि सीरिया के डूमा में हुई घटना ‘गढ़ी गई है’ और इसके जवाब में अमेरिकी सेना की कार्रवाई के ‘भयानक प्रभाव’ हो सकते हैं। इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत निक्की हेली ने कहा कि सीरिया को सैन्य मदद देने वाले रूस के हाथ ‘सीरिया के बच्चों के खून’ से रंगे हुए हैं।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा था कि दुनिया की बड़ी शक्तियां रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की अनदेखी कर रही हैं। वहीं, निक्की हेली ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को “शैतान” करार देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र परिषद कार्रवाई करे न करे, ‘अमेरिका किसी न किसी तरह से प्रतिक्रिया देगा।’ उन्होंने कहा, “बैठकें चल रही हैं और जिस समय हम बात कर रहे हैं, महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं।”
रूस का जवाब
संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रतिनिधि ने कहा कि डूमा में विद्रोहियों ने इस घटना को खुद रचा। उन्होंने इसे अमेरिका की शह पर उठाया गया कदम बताया ताकि रूस को नुकसान पहुंचाया जाए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं को जल्द से जल्द सीरिया जाकर जांच करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस दौरान कथित हमले वाली जगह तक उन्हें रूस के सैनिक ले जाएंगे। रूस ने कहा है कि उसे क्लोरीन या अन्य किसी रसायन के इस्तेमाल के संकेत नहीं मिले हैं।